Correct Laptop Choose kaise kare

लैपटॉप का बाजार हर पल बदलता रहता है. एक ओर लैपटॉप में हर वक्त नई नई चीजें, फीचर जुड़ रहे हैं, जिसके कारण उनका प्रदर्शन बेहतर होता जा रहा है. दूसरी ओर लैपटॉप की कीमत, वजन, आकार छोटा होता जा रहा है.

अगर आपको भी नया लैपटॉप लेना है तो इन पैरामीटर के बारे में जरूर ध्यान दीजिएगा. इसके अलावा ये भी देखना होगा कि आपका लैपटॉप आपकी बदलती हुई जरूरतों को कितना थाम पाता है.

गतिशीलता

ट्रांसपोर्टेबल

यदि आप लगातार यात्राएं नहीं करते हैं तो आपको बार बार जगह बदलने की जरूरत नहीं पड़ती होगी. इसलिए आप छोटा लैपटॉप मत खरीदिए. अच्छे बड़े मॉडल को चुनिए, जिसमें बड़ी स्क्रीन (17 इंच या 18 इंच) हो. अलग नंबर कीपैड हो और बड़ी बैटरी हो. फिर ये अच्छा विकल्प साबित होगा.

पोर्टेबल

आपका कंप्यूटर इतना हिलने-डुलने लायक भी होना चाहिए जिससे वो आपके आस-पास रह सके. लेकिन इस बात की भी जरूरत है कि आप उसे आराम से हैंडल करें. 15.4 इंच का लैपटॉप सही रहेगा और उतना बोझिल भी नहीं महसूस होगा.

मिनी पोर्टेबल

मोबाइल मिनी कंप्यूटर बेहद छोटे होते हैं. ये उच्च प्रदर्शन वाले कंप्यूटर होते हैं जिनका वजन न्यूनतम 1 किलो भी हो सकता है. आप एक छोटे से झोले में इसे डालकर कहीं भी ले जा सकते हैं. जो लगातार सफर करते हैं, काम के सिलसिले में बाहर आना जाना पड़ता है उनके लिए ये वरदान है.

टेक्नीकल स्पेसिफिकेशन

प्रोसेसर

सीपीयू कंप्यूटर का दिल होता है. मशीन का प्रदर्शन काफी कुछ सीपीयू के प्रदर्शन पर निर्भर करता है. विभिन्न मीडिया का इस्तेमाल करते हुए जितनी अधिक संख्या में आप सॉफ्टवेयर और पावरफुल एप्लीकेशन का इस्तेमाल करना चाहते हैं उतने ही शक्तिशाली प्रोसेसर (जिसकी फ्रीक्वेंसी 2.4 Ghz से ज्यादा) की जरूरत पड़ेगी. हालांकि डेस्कटॉप या इंटरनेट यूज के लिए आप मध्यम रेंज का प्रोसेसर (जिसकी फ्रीक्वेंसी 2 Ghz हो) चुन सकते हैं. वे किसी अच्छे कंप्यूटर यूज को प्रभावित करने के लिहाज से पर्याप्त शक्तिशाली होते हैं.

लाइव एक्टिव मेमोरी

इसे RAM भी कहते हैं. ये मेमोरी प्रोसेसर में प्रोसेसिंग के दौरान अस्थायी तरीके से डेटा जमा करता है. RAM की क्षमता जितनी अधिक होगी प्रोसेसर डेटा को उतनी ही जल्दी प्रोसेस करेगा. 1 GB का RAM पर्याप्त होगी. माइक्रोसॉफ्ट विस्टा के प्रभावी तरीके से काम करने के लिए 2 GB RAM जरूरी है. लेकिन आजकल ज्यादातर लैपटॉप में 4 GB RAM होती है. जहां तक पोर्टेबल मिनी लैपटॉप की बात है तो 512 MB इसके लिए पर्याप्त है क्योंकि ये ज्यादा डिमांडिंग ऐप्लीकेशन का प्रयोग नहीं करता.

स्टोरेज स्पेस

आजकल के लैपटॉप में 500 GB की क्षमता तक के हार्ड ड्राइव होते हैं. ये काम के लिहाज से सही है. स्टोरेज स्पेस काफी अहम चीज है. किसी भी डिवाइस को खरीदने के पहले हमे ये तय कर लेना चाहिए कि हमें कितनी क्षमता वाले स्टोरेज स्पेस की जरूरत है. हालांकि साइज सब कुछ नहीं है. बल्कि स्टोर किए गए डेटा को एक्सेस करने की स्पीड को भी ध्यान में रखना होगा. 7200 रेवोल्यूशन/मिनट पर स्पिन करने वाली हार्ड ड्राइव 5400 रेवोल्यूशन/मिनट के मुकाबले अधिक शक्तिशाली होती है. आजकल कुछ कंप्यूटर फ्लैश और SDRAM मेमोरी की सुविधा देते हैं. हार्ड ड्राइव के विपरीत स्टोर करने का ये तरीका ऐसा है जिसमें किसी तरह के यांत्रिक त्तत्व यानी मेकैनिकल एलीमेंट की जरूरत नहीं पड़ती इसलिए ये कम नाजुक है. लेकिन ये तुलनात्मक तरीके से महंगा होता है. दूसरी बात कि इसमें अभी भी बहुत बड़ा स्पेस (16 GB तक का) ऑफर नहीं किया गया है. इसकी लाइफ भी लिमिटेड होती है.

ग्राफिक कार्ड

ये एक बेहद महत्वपूर्ण चीज है यदि आप वीडियो गेम या 3डी एनिमेशन गेम देखतें हैं तो. इसमें काफी स्टोरेज क्षमता की जरूरत पड़ती है. तो एक अच्छा ग्राफिक कार्ड खरीदने में सोचिए मत, क्योंकि वे अपेक्षाकृत जल्दी आउट ऑफ डेट हो जाते हैं. इसलिए सुझाव ये है कि 512 MB के वीडियो RAM का कार्ड लें जिसमें पर्याप्त शक्तिशाली ग्राफिक प्रोसेसर युक्त हो.

अन्यथा, लैपटॉप के अलावा एक टीवी भी उपलब्ध रहे तो ये दिलचस्प होगा. या उच्च प्रदर्शन यानी हाई परफॉरमेंस वाले ग्राफिक कार्ड खरीदना कोई जरूरी नहीं है. इसके अलावा, मिनी लैपटॉप और कुछ एंट्री लेवल मॉडल केवल ग्राफिक चिपसेट (मदरबोर्ड पर इंटीग्रेटेड चिप) भी ऑफर करते हैं, जो इंटरनेट या ऑफिस कार्य के लिए पर्याप्त होता है.

कनेक्टिविटी

अपने मशीन के हर संभव इस्तेमाल पर विचार करने की कोशिश करें और पता करें कि इसके लिए कौन कौन सी चीजों की जरूरत है. फायरवायर अपने परफॉरमेंस (USB डेटा एक्सचेंज से कहीं अधिक तेजी से) के लिए अधिक से अधिक इस्तेमाल हो रहा है. यही नहीं, USB पोर्ट लेने में कंजूसी ना करें. ये हमेशा उपयोगी होता है. हालांकि याद करके ये जांच लें कि उसमें मल्टीपल डिवाइसेस को कनेक्ट करने की क्षमता हो. टीवी देखना हो तो, जरूर से HDMI कनेक्शन जांच लें. मल्टीफंक्शन कार्ड रीडर भी कभी-कभी आपके फोटो कैमरा या मोबाइल फोन से डेटा को ट्रांसफर करने में मददगार साबित होता है.

स्क्रीन

साइज

स्क्रीन का आकार 7 से 20 इंच तक का हो सकता है. अब आपके सिस्टम का साइज क्या हो ये आपके इस्तेमाल पर निर्भर करता है. बड़ी स्क्रीन पर आप आराम से मूवी देख सकते हैं, काम कर सकते हैं ओर गेम भी खेल सकते हैं. इसके विपरीत, एक छोटे स्क्रीन वाले सिस्टम या लैपटॉप को लेकर कहीं आने जाने में सुविधा होती है. वो हैंडी होता है. जैसे-जैसे साइज बढ़ता है उसका वजन भी बढता है.

ब्राइटनेस

कागज पर बनी तस्वीर की ही तरह आप मैट या ग्लॉस में से किसा एक को जरूर चुनें. विशेषज्ञ वीडियो को टीवी पर देखना पसंद करते हैं. मैट को आप बेशक कम पसंद करोगे लेकिन ये चमक के प्रति कम संवेदनशील है. फिर से, चुनाव आपके उपयोग पर निर्भर करता है.

ऑटोनोमी

लैपटॉप को इस्तेमाल करने की आदर्श सीमा 2 से 8 घंटे है. लैपटॉप के लिए ये काफी मायने रखता है. ये जानना अच्छा होगा कि बैटरी जितनी अधिक पावरफुल होगी लैपटॉप का वजन उतना ही अधिक होगा. तो यदि आप लैपटॉप को लेकर कही आना-जान करना चाहते हैं तो इस बात का खास ख्याल रखें. इसलिए हम बैटरी की क्वालिटी और साथ ही साथ उसके उपभोग में बदलाव कर सकते हैं. अब लो-पावर प्रोसेसर आने लगे हैं जो टोटल ऑटोनोमी में मशीन को अधिक देर तक काम करने की सुविधा और ताकत देता है. निर्माण की तारीख देख लें. ये जरूरी है.

ऑपरेटिंग सिस्टम

यह निश्चित रूप से सबसे अधिक महत्वपूर्ण चीज है. यदि किसी को माइक्रोसॉफ ऑपरेटिंग सिस्टम यानी ओएस चाहिए तो काफी कम दाम वाले लैपटॉप विंडोज लाइसेंस को सेव करने के लिए लिनक्स रखते हैं. लिनक्स सिस्टम इस्तेमाल में काफी आसान है लेकिन फिर भी इसे अपनाने के लिए आपको अधिक समय देने चाहिए यदि माइक्रोसॉफ्ट OS के साथ पहली बार बाहर जा रहे हैं. इसी तरह सभी ऐप्लीकेशन लिनक्स के साथ तालमेल नहीं खाते, हालांकि उसके समान कई सिस्टम हैं.

अधिक आवाज और तापमान

अक्सर लैपटॉप लेने के समय हम इन मानकों को भूल जाते हैं. लेकिन ये उपयोगी हैं. कंप्यूटर यदि गर्म हो जाता है तो उसे ठंडा करना जरूरी है. कई बार वेंटिलेशन काफी आवाज करता है. ऐसा कई बार देखा गया है कि एक मशीन दूसरे मशीन की तुलना में चलते समय अधिक गर्म हो जाता है. हालांकि लैपटॉप खरीदने के पहले इस बारे में अंदाजा लगाना मुश्किल होता है. खासकर तब जब आप ऑनलाइन हों. फिर भी, ये कहा जा सकता है कि आप जितना अच्छा लैपटॉप खरीदते हैं इन मसलों का महत्व कम होता जाता है.

वारंटी

आप अपने कंप्यूटर का कितना उपयोग करते हैं, इसे देखते हुए ऐसे अनुबंध पर हस्ताक्षर करना जरूरी या गैरजरूरी होगा जो ऑन साइट वारंटी रिपेयर या टेलीफोन सपोर्ट देने का वादा करती है. लंबे समय की वारंटी लेना अधिक तर्कसंगत होगा. पर ये तभी काम करेगा जब तक आप आगे रहने के लिए हमेशा अपना कंप्यूटर न बदलते हों.

अपग्रेड

इसमें कोई शक नहीं कि आप अपने डेस्कटॉप पीसी की ही तरह अपने लैपटॉप को भी अपग्रेड करना चाहेंगे. यानी पुराने पार्ट को हटाकर नए और कुशल पार्ट्स को लगाना. जहां सिस्टम में मेमोरी ऐड करना आसान है, वहीं हार्ड ड्राइव को बदलना उतना सहज नहीं होता. कुछ ही मोबाइल में प्रोसेसर को बदलने की सुविधा होती है. हां बदलने वाला ग्राफिक कार्ड जरूर हो सकता है. इसलिए लैपटॉप की खऱीददारी करते वक्त अपना फैसला ऐहतियात से लें. हां, कुछ दूकानें होती हैं जहां आप प्रोसेसर या ग्राफिक कार्ड को संभवतः बदल सकते हैं.

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