कम्प्यूटिंग की भाषा में बस (bus) फिजिकल कनेक्शन का एक ऐसा समूह होता है जो तार, सर्किट इत्यादि से मिलकर बना होता है. कम्युनिकेशन को पूरा करने के लिए यही विभिन्न हार्डवेयर को एक दूसरे से जोड़ता है.
पाथवे की संख्या कम करने के लिए बस का प्रयोग किया जाता है. इन्ही पाथवे की सहायता से डाटा चैनल पर कम्प्युनिकेशन पूरा किया जाता है. कभी कभी इसको “डाटा हाइवे” नाम से भी बुलाया जाता है.
यदि लाइन में केवल दो हार्डवेयर कम्युनिकेट करते हैं तो ऐसे सिस्टम को हार्डवेयर पोर्ट (hardware port) के शब्दावली में जाना जाता है
बस (bus) में एक बार के ट्रांसमिशन के लिए जानकारी उपस्थित होती है. यह जानकारी बिट्स (bits) के रूप में मौजूद होती है जो उन फिजिकल लाइन से जुड़ती हैं जिनके माध्यम से डाटा ट्रांसफर होता है. एक 32-तारों वाले रिबन केबल की सहायता से एक साथ 32 बिट्स स्थानान्तरित होते हैं. वहीं दूसरी ओर "विड्थ" का प्रयोग एक बस द्वारा एक बार ट्रांसफर की गयी बिट्स की संख्या को बताने के लिए किया जाता है.
बस की स्पीड उसकी फ्रीक्वेंसी एवं प्रति सेकेण्ड ट्रांसफर किए गए डाटा पैकेट पर निर्भर करती है. प्रत्येक बार के डाटा ट्रांसफर को साइकल (cycle) बुलाया जाता है.
इन रास्तों से सर्वाधिक ट्रांसफर स्पीड प्राप्त की जा सकती है. एक बस जिसकी विड्थ 16 बिट्स (bits) एवं फ्रीक्वेंसी 133 मेगाहर्ट्ज (MHz) हो उसकी ट्रांसफर स्पीड होगी
16 * 133.106 = 2128*106 bit/s,
or 2128*106/8 = 266*106 bytes/s
or 266*106 /1000 = 266*103 KB/s
or 259.7*103 /1000 = 266 MB/s
वास्तव में एक बस में 50 से 100 अलग-अलग फिजिकल लाइन होती हैं जो आगे भी तीन भागों में बटी होती हैं:
एड्रेस बस (जिसको मेमोरी बस नाम से भी जाता है) मेमोरी एड्रेस आगे बढाता है जिसकी आवश्यकता प्रोसेसर को डाटा रीड या राइट करने के लिए है.
डाटा बस प्रोसेसर से आने वाले या उसको जाने वाले निर्देशों को ट्रांसफर करता है.
कंट्रोल बस या command bus निर्देशों को ट्रांसफर कर सिग्नल को सिंक्रोनाइज करता है. यह सिग्नल कंट्रोल यूनिट से हार्डवेयर कंपोनेंट तक जाता है.
एक कंप्यूटर में मुख्य रूप से दो बस होती हैं:
इंटरनल बस या फ्रंट साइड बस को शोर्ट में FSB भी बुलाया जाता है. यह बस प्रोसेसर को कंप्यूटर की केंद्रीय मेमोरी RAM या रैम से जोड़ता है.
एक्सपेंसन बस या आउटपुट बस मदरबोर्ड से सम्बंधित कंपोनेंट जैसे USB, सीरियल एवं पैरेलल पोर्ट, हार्ड ड्राइव्स, CD-ROM CD-RW drives इत्यादि को एक दूसरे से जोड़ने के काम आता है.
कंप्यूटर ओर बस को जोड़ने के लिए चिपसेट का प्रयोग किया जाता है. इसी की सहायता से बस और कंप्यूटर के बीच डाटा ट्रांसफर का कार्य पूरा होता है. यह कई सारी इलेक्ट्रॉनिक चिप से मिलकर बना होता है. इसमें मुख्यतः दो भाग होते हैं:
पहला भाग है नॉर्थ ब्रिज (NorthBridge) (या मेमोरी कंट्रोलर) रैम (RAM) और प्रोसेसर के बीच ट्रांसफर को सहज बनाता है. यह प्रोसेसर के पास सेट किया जाता है. इसको कहीं कहीं GMCH या ग्राफिक एवं मेमोरी कंट्रोलर हब नाम से भी जाना जाता है.
दूसरा भाग साऊथ ब्रिज (SouthBridge) (इसको इनपुट/आउटपुट कंट्रोलर या एक्सपेंशन कंट्रोलर (expansion controller) नाम से भी जाना जाता है) सभी परिधीय डिवाइस के बीच कम्प्युनिकेशन स्थापित करती है. इसको ICH या कंट्रोलर हब भी बुलाया जाता है. कंप्यूटर की भाषा में मुख्यतः ब्रिज दो बस को जोड़ने वाले कंपोनेंट को बोला जाता है.
दो बस का कम्प्युनिकेशन पूरा तभी होगा जब दोनों की विड्थ (width) एक सामान हो. इसीलिए RAM को जोड़ों में इंस्टाल किया जाता है (जैसे पेंटियम चिप में 64-bit प्रोसेसर में 32 bit के दो बस लगती है).