सूचना विज्ञान में कनेक्टर्स, जिन्हें आमतौर पर Input-Output Connectors (या संक्षिप्त में I/O) कहते हैं, वैसे इन्टरफेस हैं जो केबल की मदद से उपकरणों को जोड़ते हैं. कनेक्टर्स में आमतौर पर मेल एंड होता है जिसमें से पिन बाहर निकले होते हैं. इस प्लग को फीमेल पार्ट (इसे socket भी कहते हैं) में डालना होता है, जिसमें पहले से पिन के प्रवेश करने लायक छेद बने होते हैं. हालांकि, एक प्लग हेरमाफ्रोडिटिक होता है जो मेल या फीमेल दोनों रूप में काम करता है और दोनों में से किसी में भी डाला जा सकता है.
कनेक्टर में लगे पिन और होल बिजली के तार से जुड़े होते हैं जिनसे केबल तैयार होता है. पिन लेआउट हमें ये बताता है कि कौन सा पिन कौन से तार के साथ जुड़ेगा.
नंबर वाला हर पिन आमतौर पर केबल के भीतर के एक तार से जुड़ा होता है, लेकिन कभी कभी एक पिन बिना उपयोग किए रह जाता है. साथ ही, कुछ मामलों में ये भी संभव है कि दो पिन एक दूसरे से जुड़े होते हैं, इसे ब्रिज कहते हैं.
कंप्यूटर के मदरबोर्ड में खास संख्या में इनपुट-आउटपुट कनेक्टर होते हैं जो रीयर पैनेल.पर लगे होते हैं:
अधिकांश मदरबोर्ड में निम्नलिखित कनेक्टर होते हैं:
सीरियल पोर्ट, जो पुराने उपकरणों को जोड़ने के लिए DB9 कनेक्टर का इस्तेमाल करता है.
पैरेलल पोर्ट, जो खासतौर से पुराने प्रिंटरों से जोड़ने के लिए DB25 कनेक्टर का उपयोग करता है.
यूएसबी पोर्ट (1.1, लो-स्पीड या 2.0, हाई-स्पीड) हाल के बने बाह्य उपकरणों को जोड़ता है.
RJ45 कनेक्टर (LAN पोर्ट या इथरनेट पोर्ट के नाम से जाना जाता है), कंप्यूटर को नेटवर्क से जोड़ता है. ये मदरबोर्ड में लगे नेटवर्क कार्ड से इंटरफेस करता है.
VGA कनेक्ट (SUB-D15 के नाम से जाना जाने वाला), का इस्तेमाल मॉनीटर को हुक करने के लिए होता है. ये कनेक्टर अन्तर्निहित graphics card से इन्टरफेस करता है.
जैक्स (Line-In, Line-Out और microphone), जो स्पीकर या hi-fi साउंड सिस्टम के साथ ही साथ माइक्रोफोन को जोड़ने के लिए होता है. ये कनेक्टर अन्तर्निहित साउंड कार्ड से इन्टरफेस करता है.