क्या आपकी Internet Connection Speed Slow हो गई है? या रुक-रुक कर काम कर रहा है? हो सकता है ये दिक्कत किसी तकनीकी समस्या के कारण पेश आ रही हो. लेकिन ऐसा भी हो सकता है कि कोई चुपके से आपका WiFi इस्तेमाल कर रहा हो.
यदि आपको लगता है कि असल परेशानी की जड़ यही है और आप इससे बचना चाहते हैं तो ये आर्टिकल पढ़ें.
कोई आपका राउटर तो चोरी से इस्तेमाल नहीं कर रहा, इसका सबसे साफ संकेत इस बात से मिलता है कि आपका कनेक्शन धीमा शुरू होता है या ब्रेक हो जाता है. इस बात का एक और सुराग है कि WLAN (वायरलेस लोकल एरिया नेटवर्क), जिससे आपके मॉडेम पर लाइट आती है, वो जलने-बुझने लगती है जब आप नेटवर्क से जुड़े सारे डिवाइसेज डिसकनेक्ट कर देते हैं. आजकल ऐसे कई प्रोग्राम आ गए हैं जिनसे आप पता लगा सकते हैं कि कहीं कोई बाहरी व्यक्ति को वाई-फाई से कनेक्टेड नहीं है. यहां हम कुछ ऐसे ही सॉफ्टवेयर और ऐप्लिकेशन के बारे में बताने वाले हैं:
Wireshark और Angry IP Scaner: ये दोनों सॉफ्टवेयर Windows, Linux और Mac के साथ कम्पैटिबल हैं.
Wireless Network Watcher और Microsoft Network Monitor: सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले प्रोग्राम हैं, और हां, विंडोज के लिए ये सबसे उपयुक्त भी हैं.
iOS और Android के लिए Net Scan और Fing: इन्हें स्मार्टफोन और टैबलेट्स पर वाईफाई चोर को पहचानने के लिए तैयार किया गया है.
Whofi: ये न केवल आपको ये बताता है कि आपके नेटवर्क से कौन सा डिवाइस कनेक्टेड है, बल्कि ये सॉफ्टवेयर इस बात की भी जानकारी देता है कि वाईफाई चौर कौन है और वो कितनी देर से चोरी कर रहा है. इसे खास तौर से कंपनियों और प्रतिष्ठानों के लिए तैयार किया गया है.
राउटर में जिस तरह का फैक्टरी पासवर्ड इस्तेमाल किया गया होता है, उसे देखते हुए हम ये कह सकते हैं कि आपके सिग्नल को चुराना आसान नहीं है. लेकिन ये भी सच है कि WiFi Hack जैसे सॉफ्टवेयर भी हैं जो आपको बिना एक्सेस कोड्स के ही कनेक्ट कर देते हैं. जो भी हो, यदि आपको पक्का पता है कि कोई आपका वाईफाई सिग्नल चुरा रहा है तो इसे रोकने का दो खास तरीका है: अपना पासवर्ड बदल दें या अपने कनेक्शन का नाम बदल दें.
राउटर पासवर्ड बदलने के लिए, आपको अपने इंटरनेट ब्राउजर में "192.168.1.1." सिक्वेंस डालना होगा. आप अपने आप एक पेज पर ले जाए जाएंगे. वहां आप जैसे ही अपने राउटर का नाम और पासवर्ज डालेंगे, आपको आपके राउटर की बेसिक जानकारियां दी जाएंगी. एक बार अंदर आ जाने के बाद आपको उन सारे डिवाइसेज के आईपी ऐड्रेसेज की लिस्ट दिखाई देगी जो आपके इंटरनेट कनेक्शन से जुड़े हुए हैं. यहां आप चाहें तो अपना एक्सेस कोड्स भी बदल सकते हैं.
इसके अलावा, आप अपने राउटर को कंफिगर कर सकते हैं कि वो केवल आपके चुने हुए MAC ऐड्रेसेज (डिवाइस का फिजिकल आइडेंटिफायर, जो आईपी ऐड्रेस के उलट, कभी बदलता नहीं) को एक्सेस करे.
ऐसा करने के लिए, जैसा पहले भी बताया गया है, "192.168.1.1" सिक्वेंस को अपने ब्राउजर में एंटर करना जरूरी है. SSID या Wireless ऑप्शन में आप वाईफाई कनेक्शन का नाम बदल सकते हैं या इसे छिपा सकते हैं ताकि कोई भी बाहरी आदमी इसे देख नहीं सकें.
अंत में, इस बात का खास ख्याल रखें कि जब आप अपने मॉडेम का इस्तेमाल नहीं कर रहे, तो उसे जरूर बंद कर दें. इसके अलावा अपना एक्सेस पासवर्ड किसी के साथ कतई शेयर ना करें.
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