ईमेल आधुनिक युग में संवाद का मुख्य जरिया बनता जा रहा है. पर कभी सोचा है कि इसकी संरचना कैसी होती है?
एक ईमेल में तीन मुख्य भाग होते हैं:
इसकी संरचना हेडर से शुरू होती है जिसमें मेल के मैसेज की मुख्य जानकारी होती है. इसमें भेजने वाले का पता, मेल रिसीव करने वाले का पता, मैसेज के भेजने का समय एवं मेल को कब MTA (जो एक पोस्ट ऑफिस की तरह काम करता है) सर्वर पर भेजा गया उस समय की जानकारी भी होती है. यह हेडर शुरू होता है भेजने वाले के एड्रेस से जो फ्रॉम (From) नाम से अंकित होता है. यह मेल जितने ईमेल इनबॉक्स से होकर गुजरता है, उतने नए एड्रेस इसमें जुड़ जाते हैं. हेडर यह बताता है कि मेल आप तक कितने समय में पहुंचा.
दूसरा भाग है मैसेज जो निम्न दो चीजों से मिलकर बना है:
प्रथम भाग हेडर फील्ड है जिसमें मैसेज सेटिंग अंकित होती है. इसमें मेल भेजने वाले का नाम, रिसीव करने वाले का नाम, दिन, तारीख आदि शामिल हैं. इन सभी फील्ड में ये जानकारियां शामिल हैं:
नाम: वैल्यू
एक ईमेल में आगे दी गई तीन जानकारियां होती हैंः
पहली जानकारी द्वारा (From): भेजने वाले के इमेल की होती है.
दूसरी जानकारी टू (To): रिसीव करने वाले के ईमेल की.
और तीसरी जानकारी तारीख: जिस तारीख को मेल भेजा गया हो, उसके बारे में.
दूसरा भाग है मैसेज बॉडी जिसमें मैसेज शामिल है. यह हेडर से अलग होता है.
एक इमेल 7-bit US-ASCII कैरेक्टर डिस्प्ले करता है. प्रत्येक लाइन में लगभग 76 कैरेक्टर्स होते हैं एवं हमेशा CRLF (\r\n) से खत्म होता है.
यह जानना सबसे ज्यदा जरूरी है कि हेडर का डाटा यह निश्चित नही करता है कि मैसेज किसने और कब भेजा है.
एडिशनल व्यक्तिगत हेडर (Additional personalized header) जिन्हें (एक्स-हेडर(X-headers)) भी बुलाया जाता है, की सहायता से सबसे सार्थक जानकारी प्राप्त की जा सकती है.