Overheating Laptop kaise fix kare

लैपटॉप का Overheat होना एक गंभीर समस्या है और इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. दरअसल आप जब भी लैपटॉप खरीदते हैं तो ये देखना सबसे जरूरी है कि इसका कूलिंग सिस्टम कैसा है. ब्लैक स्क्रीन डिस्प्ले, सिस्टम का क्रैश होना, अचानक रीस्टार्ट हो जाना ये सब इस समस्या के संकेत हैं.

ओवरहीटिंग से बचना चाहते हैं अपने सिस्टम के जरूरी हार्डवेयर्स के अधिकतम तापमान के बारे में जानना सबसे जरूरी है. हार्डवेयर में प्रोसेसर, हार्ड ड्राइव और ग्राफिक कार्ड वगैरह शामिल हैं. आपके सिस्टम के जरूरी हिस्सों के तापमान को उनके सही स्तर पर बनाए रखने के कई तरीके हो सकते हैं. जैसे कि बताए गए सॉफ्टवेयर को डाउनलोड करें, एडहेंसिव रबर फीट इंस्टॉल करें, या नोटबुक कूलर ऐड करें. ओवरहीटिंग से बचने के लिए आप लैपटॉप की सफाई कर सकते हैं. इससे इसका वेंटिलेशन दुरुस्त होगा और लैपटॉप ओवरहीट नहीं होगा.

आज इस ट्यूटोरियल में हम आपके लैपटॉप को ओवरहीट होने से बचाने के लिए उपाय बताएंगे.

ध्यान दें आगे दिए गए मैनिपुलेशन को गंभीरता से पढ़े, समझें और आजमाएं. सीसीएम इन मैनिपुलेशन के दौरान होने वाले किसी नुकसान या गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार नहीं है.

लैपटॉप ओवरहीट क्यों होता है

लैपटॉप का कूलिंग सिस्टम डेस्कटॉप पीसी के मुकाबले अच्छे तरीके से काम नहीं करता. लैपटॉप का साइज डेस्कटॉप से कम होना इसकी वजह है. और यही वजह है कि कूलिंग के समय लैपटॉप अधिक आवाज करता है.

हालांकि ये बात भी सच है कि लैपटॉप के घटक की खपत डेस्कटॉप पीसी के घटक की तुलना में कम होती है. लेकिन इस्तेमाल के वक्त ये घटक काफी गरम हो जाते हैं. इसलिए खरीदने से पहले लैपटॉप के कूलिंग सिस्टम को ठीक से जांच-परख लें, खासतौर से तब जब आप इससे बहुत जरूरी वाले काम करते हैं.

आपका लैपटॉप ओवरहीट हो रहा है, कैसे पहचानें

लैपटॉप कहीं ओवरहीट तो नहीं हो रहा, ये जानने के लिए आपको प्रोसेसर, ग्राफिक कार्ड और हार्ड ड्राइव को चेक ररना होगा. यहां हम CPUID HWMonitor जैसे कुछ फ्री प्रोग्राम के बारे में बताएंगें जो ओवरहीटिंग की दिक्कत को ठीक करते हैं.

ओवरहीट होने के संकेत

आपका लैपटॉप ओवरहीट हो रहा है या नहीं, इसे जानने के कई तरीके हैं. यदि आपके लैपटॉप की स्क्रीन बार-बार काली पड़ जाती है या, आपको अक्सर अपने सिस्टम को रीबूट करना पड़ रहा है तो संभव है कि आपका लैपटॉप ओवरहीट हो रहा हो. इसके अलाव ओवरहीट होने के दूसरे संकेत हैं इसका क्रैश होना या फाइल और ऐप्लिकेशन के लोड होने के वक्त ऑटोमैटिक रीस्टार्ट होने लगना वगैरह.

लैपटॉप को कूल करने के लिए हार्डवेयर ऐड-ऑन्स और क्विक फिक्सेज

यहां हम आपको कुछ हार्डवेयर ऐड-ऑन्स के बारे में बता रहे हैं जिनकी मदद से आप अपना सिस्टम कूल रख सकते हैं.

सेल्फ-डिफेंसिव रबर फीट

लैपटॉप को ओवरहीट से बचाने का सबसे सस्ता उपाय है कि आप One of the cheaper solutions, you can get a pack of self-adhesive rubber feet on Amazon से 10 डॉलर या करीब 70 रुपए में आधा इंच से एक इंच बड़ा सेल्फ-एडहेंसिव रबर फीट खरीद लाएं. जब आप इसे लगाएंगे तो लैपटॉप जिस भी सतह (टेबल, स्टूल, बेड, गोद) पर रखते हैं उसकी सतह और लैपटॉप के सीपीयू के बीच स्पेस होगा जिससे गर्मी निकलने का रास्ता बना रहेगा.

अपने पीसी के सिस्टम के कूलिंग सिस्टम के मुताबिक प्रोसेसर के नीचे दो या चार फीट पर इन्हें लगा दें. उदाहरण के लिए, यदि कूलिंग वेंट सामने नहीं हैं तो, लैपटॉप के बैक में दो रबर फीट काफी होंगे.

नोटबुक कूलर

नोटबुक कूलर थोड़े महंगे होते हैं. लेकिन ये बहुत कारगर होते हैं. हालांकि नोटबुक कूलर खरीदने समय बुद्धिमानी से काम लिया जाना चाहिए. यदि फैन पीसी के कूलिंग वेंट के लेवल पर लगाए जाएं तो बेहतर होगा. हार्डवेयर चुनते समय, ये कितना शोर करता है, इस पर भी ध्यान देना होगा.

ध्यान रखें मिनी कूलर्स जैसे गैजेट से बचिए. हालांकि ये सस्ते होते हैं लेकिन ये कितना काम आएंगे इसमें संदेह बना रहता है. यदि आपके पीसी में यूएसबी पोर्ट नहीं है तो वैसे नोटबुक कूलर खरीदें जिसमें बिल्ट-इन यूएसबी हब हो.

वेंटिलेशन ठीक करें

ओवरहीटिंग से बचने के लिए लैपटॉप में किसी तरह का हार्डवेयर ऐड करने के विकल्प से बेहतर है कि आप इसका वेंटिलेशन यानी हवा की आवा-जाही को दुरुस्त करें. इसके लिए वैसे घटकों को हटाएं जिनकी सिस्टम को कोई खास जरूरत नहीं है. जैसे कि बैटरी और कार्ड्स. आप सीडी या डीवीडी ड्राइव को भी ओपन कर सकते हैं.

लैपटॉप साफ रखें

यदि आपका पीसी गेम चलाते समय या भारी ऐप्लिकेशंस रन करते समय बहुत गर्म या बंद हो जाता है तो इसकी सफाई करने का वक्त आ गया है. धूल आपके लैपटॉप का सबसे बड़ा दुश्मन है. ये आपके लैपटॉप के कूलिंग सिस्टम में चला जाता है, और वहीं रह जाता है, निकलता नहीं. इससे गर्मी कम नहीं होती.

यहां देखिए कि जब सीपीय के कूलिंग सिस्टम में धूल भर जाता है तो ये कैसा दिखता है:


इसकी सफाई करने के लिए पहले तो अपना कंप्यूटर बंद कीजिए और फिर इसके ठंडे होने का इंतजार कीजिए. इसे अनदेखा मत कीजिए, ये काम बहुत जरूरी है. यदि आप लापरवाही करते हैं तो आपके नाजुक हार्डवेयर पार्ट्स को नुकसान होने का खतरा है.

अब आप इसे साफ कर सकते हैं. सबसे अच्छा तरीका है कि आप रबर टिप वाला वैक्यूम इस्तेमाल करें. लेकिन आपको वैसा रबर टिप लेना होगा जिसकी स्पीड और क्षमता के बारे में आपको अंदाजा हो कि आप इसे बिना नुकसान पहुंचाए नियंत्रित कर सकते हैं. आपको पावर सेटिंग का सबसे कम स्तर का इस्तेमाल करना चाहिए.

यदि आपके पास इस तरह का वैक्यूम नहीं है तो आप अपने लैपटॉप के कूलिंग सिस्टम में जमी धूल को उड़ान के लिए कंप्रेश्ड एयर कैन का उपयोग करें.

जमी हुई धूल एक बार साफ हो जाए तो वेंट्स ऐसे दिखेंगे:


प्लीज ध्यान रखें कि वेंट को अच्छे से साफ करने के लिए आपको इसके भीतर जाना होगा. चूंकि इन तक पहुंचना बहुत मुश्किल होता है इसलिए यहां सबसे ज्यादा धूल जम जाती है. गंदे कूलिंग फैन का एक उदाहरण देखिए:


डस्ट-फ्री और साफ फैन का एक उदाहरण देखिए:

लैपटॉप का थर्मल कंडक्टिव हीट पेस्ट बदलें

ओवरहीट से बचने के लिए आप थर्मल कंडक्टिव हीट पेस्ट को इस्तेमाल करके भी देख सकते हैं. यह लैपटॉप के मेटल और ज्यादा नाजुक प्लास्टिक पार्ट्स के बीच गैप फिलर का काम करता है.

आपको अच्छा पेस्ट चाहिए तो इसे अमेजन से बस 1 डॉलर या तकरीबन 67 रुपए में खरीद सकते हैं.

केसिंग को मोडिफाई करें

ये तरीका केवल उन लोगों के लिए है जो कंप्यूटर बनाने जैसे काम में अनुभवी होते हैं और अपने लैपटॉप की वारंटी के बारे में ज्यादा नहीं सोचते. ये तब भी बहुत मददगार होता है जब आपके पास स्पेयर केसिंग होती है और प्रोसेस में आपकी मौजूदा केसिंग खराब हो जाती है.

हवा की आवाजाही या फ्लो बढ़ाने के लिए कहीं भी छेद के लिए ड्रिल करने से पहले अच्छी तरह अपने लैपटॉप के कूलिंग सिस्टम को समझ लीजिए. ये अलग अलग लैपटॉप अलग तरीके से काम करता है. यहां हम आपको ड्रिल करने से पहले और ड्रिल करने के बाद Alienware M15x के सिस्टम को दिखाएंगे:

अपने लैपटॉप को अंडरवोल्ट करना

लैपटॉप को अंडरवोल्ट करने का मतलब आपका सीपीयू जितने पावर की डिमांड करता है उसमें कटौती करना. इससे इन कमांड को एक्जेक्यूट करते वक्त गर्मी कम पैदा होती है. इस प्रक्रिया में आप लैपटॉप के मौजूदा परफॉर्मेंस को बनाए रखने की कोशिश करते हुए इसमें इस्तेमाल होने वाले वोल्टेज को धीरे धीरे कम करते हैं. ऐसा करने से ये कम बिजली का इस्तेमाल करते है जिससे कम गर्मी पैदा होती है.

अंडरवोल्टिंग प्रोसेस शुरू करने के लिए आपको अपने पीसी का बैकअप ले लेना होगा. इससे ये होगा कि यदि गलती से प्रोसेस गड़बड़ हो जाता है तो आपके किसी डाटा का नुकसान नहीं होगा. अब Intel Extreme Tuning Utility को डाउनलोड कीजिए और फिर इसे अपने पीसी में इंस्टॉल कीजिए.

अब सॉफ्टवेयर को ओपन कीजिए. बेंचमार्क टेस्ट करते हुए शुरुआत कीजिए. बेंचमार्क टेस्टिंग से पता चलेगा कि किसी भी तरह के चेंज के पहले आपके डिवाइस की स्थिति क्या है। आप चाहें तो कुछ स्ट्रेस टेस्ट भी कर सकते हैं। इससे आपका डिवाइस नॉर्मल कंडीशन में कैसे बिहेव करेगा, इसका पता चलता है. CPU Stress Test को सलेक्ट करें और टेस्ट को रन करने के लिए आप कितना समय देना चाहते हैं, उसे भी सलेक्ट करें. (हमारी सिफारिश रहेगी कि आप अच्छे रिजल्ट के लिए कम से कम 30 मिनट का टाइम-फ्रेम चुनें.) जब आप रिजल्ट की तुलना करेंगे तो ये जानकारी काम आएगी.

अब आप अपने सिस्टम की अंडरवोल्टिंग शुरू कर सकते हैं. Advanced Tuning टैब में Core पर जाएं. Core Voltage Offset वैल्यूज को देखें. यदि वे ब्लू दिख रहे हैं तो आपके वैल्यूज आर्ट डिफॉल्ट स्थिति में हैं. आप अपनी सेटिंग में जो भी बदलाव लाते हैं उससे ये सारे वैल्यू येलो कलर में दिखेंगे.

0.000 V वाले Core Voltage Offset के बगल में स्थित ड्रॉप-डाउन मेनू को क्लिक करें. यहां आपको 0.005 वोल्ट इंटरवल वाले ग्रुप मिलेंगे. स्क्रॉल करें जब तक कि आपको निगेटिव फिगर ना मिल जाएं. क्योंकि आप यहां अंडरवोल्ट प्रक्रिया की मदद ले रहे हैं न कि ओवरवोल्ट प्रक्रिया की. निगेटिव अंक का मतलब ये होता है कि अब आप प्रोसेसर को कम वोल्ट भेज रहे हैं. और पॉजीटिव अंक का मतलब होगा कि आप अधिक वोल्ट सीपीयू को भेज रहे हैं. यदि आप अपने प्रोसेसर को नुकसान से बचाना चाहते हैं तो हमेशा निगेटिव अंक चुनिए.

अब यहां ट्रायल एंड एरर में निगेटिव फिगर को सलेक्ट करने की जरूरत होगी. -0.010 V से शुरू करें और Apply को क्लिक करें. फिगर में धीरे धीर नीचे की ओर जाएं (हर बार करीब 0.005 बार) ताकि आपके सिस्टम को कोई परेशानी न हो.

वोल्टेज में लाए जा रहे हर मोडिफिकेशन के बाद Stress Test में जाइए और 30 मिनट का स्ट3ेस टेस्ट शुरू कर दीजिए. ये टेस्ट बताएगा कि आपके ओरिजिनल बेंचमार्क टेस्ट के साथ इस बिहेवियर का तालमेल है कि नहीं. यदि ब्लू स्क्रीन दिख रही है तो समझ जाइए कि ये गंभीर रूप से अंडरवोल्ट हुए सिस्टम का संकेत है. यदि आपका सिस्टम क्रैश कर जाता है तो बस पीसी को रीस्टार्ट कीजिए और इसे अाखिर उस वोल्टेज पर सेट कीजिए जो सफल रहा था.

इन सबका मकसद है कि कम वोल्टेज की खपत के दौरान ओरिजिनल परफॉर्मेंस गड़बड़ाए नहीं. जैसे ही परफॉर्मेंस खराब होने लगता है, समझ जाइए कि हम काफी आगे निकल गए हैं और हमें लौटने की जरूरत है.

30 मिनट के स्ट्रेस टेस्टिंग के बाद आपको एक बार उस वोल्टेज का पता चल जाए जिससे आपका सीपीयू क्रैश नहीं होगा, तो आपको फाइनल स्ट्रेस टेस्ट करना होगा. यदि ये सफल रहा तो आप वोल्टेज को उसी तरह छोड़ सकते हैं. यदि आप ऐसा नहीं करना चाहते हैं तो आप वापस अधिक नंबर (जीरो के नजदीक) तक रिवर्ट कीजिए और इस टेस्ट को फिर से ट्राई कीजिए.

ओवरहीटिंग से बचने के दूसरे नुस्खे

कभी भी अपने लैपटॉप को वैसी सतह पर ना रखें जो फ्लैट न हो. यदि सतह फ्लैट न हो तो इससे हवा की आवाजाही मुश्किल हो जाती है. इसमें आपका लैप, कंबल या कोई चटाई शामिल है.

आप धूप में लैपटॉप को सीधा अपनी गोद में ऱखने से बचें, खासतौर से गरमी के दिनों में. यदि संभव हो तो लैपटॉप को रेतीली जगह या पार्क में ना ले जाएं. यहां अत्यधिक मात्रा में पराग होते हैं. ये चीजें आपके कंप्यूटर की कूलिंग सिस्टम में घुस कर इसें ठप्प कर देती हैं.

आखिर में, लैपटॉप को चार्ज करते समय इस्तेमाल करने से बचें. वेब ब्राउजिंग, इमेज देखना या, वर्ड प्रोसेसर के इस्तेमाल में ज्यादा बिजली की जरूरत नहीं होती है. यदि आप चार्जिंग के वक्त लैपटॉप पर काम करेंगे तो ये बहुत जल्दी ओवरहाट हो जाता है.

Image: © Clment H - Unsplash.com

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