बिग डाटा का मतलब है किसी कंपनी की साइट, डाटाबेस, सोशल नेटवर्क और क्यूरेटेड विश्लेषण से जुड़ी सारी जानकारियां और आंकड़ें. इन सभी जानकारियों का विश्लेषण कंपनी को एक ऐसा अवसर प्रदान करता है जिसमें वह ग्राहकों और संभावनाओं के बारे में अधिक से अधिक जानकारी जुटा सकती है और साथ ही अपनी लागत और नवीनीकरण को अपने अनुकूल सेट कर सकती है.
बिग डाटा प्रोजेक्ट को लागू करने के लिए कंपनी को अनिवार्य रूप से अपने ऑपरेशन के बारे में फिर से सोचना होगा, उचित तकनीकी समाधानों को अपनाना होगा और सामने आे वाले किसी भी नतीजे के रूप में आई चुनौती के लिए तैयार रहना होगा. यह आलेख में हम आपको बिग डाटा से जुड़ी कुछ चुनौतियों के बारे में बताएंगे. साथ ही हम बताएंगे कि कैसे कोई कंपनी अपनी कारोबारी रणनीति को बेहतर बनाने के लिए बिग डाटा की मदद ले सकती है.
बिग डाटा (या स्मार्ट डाटा, एनालिटिक्स) शब्द का मतलब वह डिजिटल डाटा जो सोशल नेटवर्क और सभी वेब मीडिया पर सर्कुलेट हो रहा है. इसमें वैसे डाटा भी शामिल हैं जो कनेक्टेड नेटवर्क या CRM टूल्स के जरिए कंपनी के कस्टमर या संभावनाओं के जरिए जुटाए गए होते हैं. बिग डाटा में सभी क्षेत्र: व्यापार, सेहत, यातायात, समुदाय, खेल और (बेशक) ई-कॉमर्स शामिल हैं. बिग डाटा का उपयोग और विश्लेषण करके कंपनियां और पेशेवर अपने ग्राहकों या संभावनाओं के बारे में जानकारी इकट्ठा करते हैं.
बिग डाटा का विश्लेषण करने में कई तरह की अजीब चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. वे चुनौतियां जो हर स्टेप पर सामने आती हैं. बिग डाटा के साथ जो सबसे शुरुआती चुनौती है वह क्यूरेशन, सर्च, शेयरिंग, स्टोरेज, ट्रांसफर, विजुअलाइजेशन, क्वेरिंग, अपडेटिंग और इनफॉरमेशन प्राइवेसी से जुड़ी चुनौतियों का सामना करना है. डाटा का एक बार विश्लेषण हो जाने के बाद बिजनेस के सामने अाने वाले रिजल्ट को अपने ग्राहकों का आधार बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करने की चुनौती आती है. इसमें शामिल है ग्राहकों की मांग का बेहतर तरीके से अंदाजा लगाना, बाजार की उभरती नई नई जरूरतों के अनुसार नए नए तरीकों को पेश करना, ग्राहकों या उपभोक्ताओं के अनुभव को बेहतर बनाना, साथ ही साथ, उत्पादन, परिवहन या वितरण में कमो-बेश करके कारोबार की लागत को कम करना.
जहां तक बिग डाटा के उपयोग और विश्लेषण की बात है कंपनियों ने लंबा सफर तय किया है, लेकिन अभी भी बिग डाटा के अधिकांश हिस्से का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है. 2014 में EMC और IDC ने जो अध्ययन किया उसके अनुसार कॉरपोरेट जगत के करीब 70 फीसदी डाटा का विश्लेषण नहीं किया जा सका है. इसी सिलसिले में Markess ने आगे जो शोध किया है वो बताता है कि 82 फीसदी पेशेवरों का मानना है कि एनालिटिक्स (और बिग डाटा और एनालिटिक्स का अधिक जाना पहचाना उपयोग) कंपनी के ऑपरेशन और प्रक्रियाओं में सुधार ला सकता है.
बिग डाटा रणनीति को तैयार करने के समय सबसे पहला कदम तो ये होगा कि बिग डाटा प्रोजेक्ट के लक्ष्यों की पहचान हो और कंपनी जिन रिजल्ट को पाना चाहती है उसको परिभाषित किया जाए. आपकी कंपनी को क्या चाहिए? क्या आप ग्राहकों के अनुभव में सुधार लाना चाहते हैं? आपकी रणनीति पर उत्पादन और उपरी लागत से क्या फर्क पड़ता है?
दूसरा कदम होगा विभिन्न डाटा स्रोतों को जुटाना. कंपनी अपने संगठन के भीतर की बाधाओं का पता लगाती है. जैसे कि अलग अलग व्यापार और सेवाओं के बीच खराब संबंध या संवाद, या विभिन्न सेवाओं से अलग अलग उम्मीदें जैसी बाधाएं.
बिग डाटा रणनीति तैयार करने के लिए अंतिम कदम है जुटाए गए डाटा का विश्लेषण सेट करना . इस तरह के डाटा का विश्लेषण आंतरिक संसाधनों (जैसे कि कंपनी डाटा वैज्ञानिक के रूप में), या बाहरी संसाधनों और विश्लेषक जो निष्पक्ष और तीसरे पक्ष की टिप्पणी प्रदान करे, के जरिए किया जाता है.
कंपनी डाटा को विश्लेषण करने के लिए जिन टूल्स का प्रयोग करती है उन्हें बिग डाटा के तीन प्रमुख नियमों को पूरा करना जरूरी है - वॉल्यूम, वेलोसिटी और वैरायटी. इस नियम का पालन करने से कंपनी को विभिन्न स्रोतों से आए बड़ी मात्रा में डाटा को प्रोसेस करने में मदद मिलती है, साथ ही, वह इन रिजल्टों को कम सम में शेयर कर पाती.
जहां तक डाटा विश्लेषण के लिए सबसे बेहतर टूल चुनने की बात है, इसके लिए कई उपाय हैं जो उपयोगी साबित हो सकते हैं. पहला उपाय ये है कि विश्लेषित डाटा के लक्ष्य की जांच करना. कंपनियों के CRM, सोशल नेटवर्क, स्टोर में जुड़ी हुई आलमारियां या वस्तुएं, साथ ही साथ सेंसर्स से डाटा को जुटाया जा सकता है. कंपनी की रणनीति इसके विभिन्न संसाधनों के अनुकूल होनी चाहिए, भले वह रणनीति आंतरिक हो या बाहरी.
दूसरा उपाय यह है कि कंपनी के व्यापार क्षेत्र के साथ सामंजस्य स्थापित करना. कंपनी की जरूरतें इसके सेक्टर पर भी निर्भर करती है. इसलिए इस बात की जरूरत है कि इसके कारोबार के क्षेत्र को देखते हुए हर समाधान में खास फीचर्स शामिल किए जाएं.
बिग डाटा का विश्लेषण करते समय, कंपनियों के लिए डाटा को आंतरिक रूप से होस्ट करना या क्लाउड सर्विस को चुनना अधिक उपयोगी हो सकता है. क्लाउड सर्विस से जानकारियां बेहतर फ्लो में आती हैं, और यह जानकारियों के विशाल भंडार को स्टोर करने के लिए बेहतर स्पेस उपलब्ध कराता है.