स्मार्टफोन का अधिक इस्तेमाल करने से बैटरी धीरे धीरे धीमी और कमजोर हो जाती है. फोन यदि
बॉडी है तो बैटरी उसकी लाइफ. इसलिए जरूरी है कि नया डिवाइस खरीदने के पहले उसकी बैटरी को अच्छी तरह जांचा-परखा जाए.
आज हम आपको सबसे पहले ये बताएंगे कि आपके स्मार्टफोन की बैटरी की लंबी लाइफ किन बातों से प्रभावित होती है. दसरे, बैटरी लाइफ बढ़ाने के लिए हम आपको कुछ टिप्स बताएंगे. ये टिप्स आपके रोजमर्रा के जीवन में तो काम आएंगे ही, साथ ही, इन्हें लंबे समय तक इस्तेमाल किया जा सकेगा.
वैसे तो ऐसी कई बातें हैं जिनसे फोन की बैटरी लाइफ प्रभावित होती है. लेकिन हम यहां तीन बेहद जरूरी बातें शेयर करेंगे:
बैटरी की क्षमता: कोई बैटरी कितनी पावरफुल है ये हम उसके mAh (milliamps per hour) से जानते हैं. ये वो इकाई है जो एक घंटे में फोन को सप्लाई होती है. किसी स्मार्टफोन में मौजूद बैटरी का एमएएच जितना अधिक होगा, वो फोन उतना लंबा चलेगा. उसे रीचार्ज करने की जरूरत तुरंत-तुरंत नहीं पड़ेगी.
प्रोसेसर पावर: किसी फोन का प्रोसेसर जितना अधिक पावरफुल होगा, वो उतनी ही अधिक बैटरी खाएगा. और अंत में उस फोन की बैटरी बहुत जल्द खप जाएगी. इस बात का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.
स्क्रीन साइज: स्मार्टफोन की स्क्रीन का साइज बड़ा होगा, तो उसका पिक्सल अधिक होगा और उसमें पावर का अधिक इस्तेमाल होगा. इसलिए यदि आप बहुत बड़ी स्क्रीन का फोन खरीदने का मन बना रहे हैं तो ध्यान रखें कि उसकी बैटरी भी उतनी ही पावरफुल हो. वरना आपको उसे बार-बार चार्ज करना पड़ेगा. एक बात और, AMOLED डिस्पले वाले फोन IPS तकनीक वाले फोन से कम बैटरी खाते हैं.
इस्तेमाल और रीचार्ज: खरीददारी के वक्त से अब तक बैटरी का कितना इस्तेमाल किया गया, बैटरी की क्षमता उस पर भी निर्भर करती है. इसके अलावा बैटरी को रीचार्ज करने का तरीका भी बैटरी की क्षमता घटाता-बढ़ाता है.
क्या आप अपना फोन बिना रीचार्ज किए उसे देर तक इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो हम आपको इसका उपाय बताते हैं. यहां हम कुछ जरूरी और बुनियाद टिप्स पेश कर रहे हैं जिसे फॉलो करने से आपकी बैटरी कम खर्च होगी:
स्क्रीन की ब्राइटनेस कम कर दें: स्मार्टफोन के स्क्रीन की ब्राइटनेस कम करने से इसके इस्तेमाल में कोई फर्क नहीं पड़ेगा, बल्कि कम बैटरी खर्च होगी. यदि आपके पास OLED ग्लास वाला मोबाइल फोन है तो "light in the dark" फंक्शन का इस्तेमाल करें.
सेल्यूलर नेटवर्क को बंद कर दें या कॉल्स की ड्यूरेशन कम कर दें: इन दोनों एक्टिविटी में काफी बैटरी खर्च होती है. यदि कभी बैटरी कम हो रही हो और उसे चार्ज करने की तब सुविधा भी न हो तो, कॉल की जगह टेक्स्ट मैसेज से अपने परिजनों और दोस्तों से संवाद करें.
3G या 4G की जगह Wi-Fi का इस्तेमाल करें: अच्छा होगा कि यदि Wi-Fi नेटवर्क आपके आस-पास उपलब्ध हो तो 3G या 4G कनेक्शन की जगह उसी का इस्तेमाल करें. Wi-Fi दूसरों के मुकाबले 40% कम बैटरी खाता है. भले आपके फोन में अनलिमिटेड या ढेर सारे GB का इंटरनेट हो, अगर बैटरी बचाना चाहते हैं तो मोबाइल डेटा बंद कर दें.
नए फोन स्मार्ट बैटरी यूजेज मोड के साथ आ रहे हैं: इसका फायदा उठाइए. ये फोन स्क्रीन की लाइट का कम उपयोग, नोटिफिकेशन पर पाबंदी और कई दूसरे ऑप्शन मुहैया कराते हैं जिससे आपकी बैटरी की बचत होती है.
एयरप्लेन मोड का इस्तेमाल करें: आमतौर पर देखा गया है कि फोन बंद करने से बैटरी की बचत उतनी नहीं होती जितनी एयरप्लेन मोड में फोन को रखने से होत है. इस मोड में फोन को डालने पर वो उन फंक्शन को डिएक्टिवेट कर देता है जिससे बाहरी कम्यूनिकेशन बंद हो जाता है. GSM (कॉल्स), वाई-फाई, ब्लूटूथ और जीपीएस. ये सब स्टैंडबाई मोड में केवल 5% बैटरी ही खाते हैं.
चार्ज करते समय फोन का उपयोग कम से कम करें, तब तक रीचार्ज करें जब तक ये पूरी तरह फुल न हो जाए, और सतर्क रहें कि फोन कहीं ओवरहीट तो नहीं हो रहा. इन सब उपायों से आपकी बैटरी कम खर्च होगी.
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