COVID-19 Epidemic जब से शुरू हुआ है, लाखों लोग घर पर रहने और दूर-दराज के इलाकों से काम करने को मजबूर हो गए हैं. टेलीवर्किंग के अपने फायदे हैं, तो इससे कई नुकसान भी हैं. सबसे बड़ा नुकसान तो ये है कि यदि आप अपने लैपटॉप का ध्यान से इस्तेमाल नहीं करते तो इससे आपकी कंपनी की साइबर सेक्योरिटी खतरे में आ जाती है. आइए आपको इससे बचने के लिए कुछ उपाय बताते हैं.
सबसे बड़ी समस्या ये है कि अधिकांश कंपनियां अपने कर्मचारियों को उनके पेशेवर कामों के लिए अलग से कोई लैपटॉप या कंप्यूटर नहीं देतीं.
इससे अक्सर ये होता है कि पर्सनल कंप्यूटर की सुरक्षा बहुत कमजोर होती है और उसमें वायरस से संक्रमित होने का खतरा काफी ज्यादा होता है. इससे आपके कंपनी के नेटवर्क को कोई मालवेयर या वायरस के एक्सेस करने का खतरा काफी बढ़ जाता है.
यही नहीं, अब चूंकि इन पर्सनल कंप्यूटर पर किसी का नियंत्रण नहीं होता, इसलिए ये जानना बहुत मुश्किल हो जाता है, कि उसमें वायरस क्यों आया. इसके अलावा ऐसे कंप्यूटर को ठीक करना भी टेढ़ी खीर हो जाती है.
इन्हीं सब कारणों से, बेहतर होगा कि हम सुरक्षा से जुड़ी कुछ सलाह को फॉलो करें. इससे कंपनी और वर्कर दोनों इस समस्या से मुक्त रहेंगे.
1. वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क यानी वीपीएन से इंटरनेट एक्सेस करें. ऐसा करने से आप एनक्रिप्शन के जरिए ट्रांसमिट होने वाली जानकारियों की सुरक्षा कर सकते हैं. इससे आपका कनेक्शन अधिक सेक्योर होगा. हालांकि, ये मोड आमतौर पर थोड़ा स्लो है, पब्लिक वाईफाई का इस्तेमाल करते वक्त इसको इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है.
2. कंटेन्ट फिल्टर का प्रयोग करें. फिल्टर की मदद से आप उन वेबसाइट में जाने से बच जाएंगे जो काफी नुकसान पहुंचाने वाली होती हैं, और जो आपकी कंपनी की साइबर सेक्योरिटी को काफी हद तक चोट पहुंचा सकती हैं.
3. ऑथेन्टिकेशन सिस्टम: टू-स्टेप एन्क्रिप्शन मेथड और दूसरे सेक्योरिटी ऑप्शन के इस्तेमाल से कंपनियों की अहम जानकारियों को किसी अवांछित हाथों में पड़ने से रोका जा सकता है.
4. अच्छे साइबरसेक्योरिटी प्रैक्टिस को बढ़ावा दें. कुछ मिनट निष्क्रिय रहने के बाद ऑटोमैटिक स्क्रीन लॉक होने, एंटीवायरस, ऑपरेटिंग सिस्टम और फायरवॉल का स्थायी अपडेट, इनसेक्योर पेजेज और ऐड्रेसेसज आदि पर खास निगरानी रखने जैसी आदतों को अपना लें.
5. घर पर वाई-फाई पासवर्ड को बीच बीच में बदलते रहें. इसके लिए WPA2 वाईफाई एनक्रिप्शन टेक्नोलॉजी अपनाएं. इससे उपकरण और राउटर के बीच के कम्यूनिकेशन को एनक्रिप्ट किया जा सकेगा.
6. संवेदनशील जानकारियों का रेगुलर बैकअप रखें. उन्हें एक्सटर्नल हार्ड ड्राइव्स पर लोकेट कर लें. कॉपी बनाने के तुरंत बाद इसे डिसकनेक्ट कर दें.
7. ऐसे पासवर्ड का इस्तेमाल करें जो केवल वर्ड की जगह वाक्य से बने हों. या पासवर्ड मैनेजर का प्रयोग करें जिससे हम मुश्किल और सेक्योर एक्सेस कोड्स को जान सकें.
8. जब कंप्यूटर पर एक से अधिक लोग काम करते हों, जैसे कि एक फैमिली में, तो एक नया 'work' user बना लें. इससे आप बिना प्रशासकीय लाभ के, फैमिली से अलग एक सेशन में काम कर सकेंगे.
9. अपने बॉस या सहकर्मी को कोई भी गोपनीय जानकारी ना भेजें. इससे आप फिशिंग स्कैम से बचेंगे. हाल के वर्षों में ये स्कैम काफी चर्चा में रहे हैं.
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