हम सब जानते हैं कि Google पर जो भी हम सर्च करते हैं, नेटवर्क पर उससे कई गुना अधिक जानकारियां मौजूद हैं. इंटरनेट हमारे लिए दुनिया को जानने-समझने का केवल एक स्रोत नहीं, बल्कि इसकी कई परतें हैं. ये एक समंदर की तरह है, जिसमें हम अधिकांश समय सतह पर ही तैर रहे होते हैं. इसकी गहराई, डीप वेब में काफी सारी ऐसी जानकारियां हैं जो रहस्यमय हैं, साथ ही, बेहद दिलचस्प भी.
Deep Web में इंटरनेट पर मौजूद सारे कंटेन्ट उपलब्ध होते हैं जिन्हें सूचीबद्ध नहीं किया जा सकता. कहने का मतलब ये कि इन जानकारियों को खोजना मुश्किल होता है, या यूं कहें कि पारंपरिक सर्च इंजन के जरिए उनका आसानी से, सीधे तौर पर पता लगाना मुश्किल होता है. डीप वेब वो जगह है जहां पूरी गोपनीयता के साथ नेविगेट किया जा सकता है. ये सरकार और तकनीकी कंपनियों की नज़रों और निगरानी से भी सुरक्षित होता है.
आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि दरअसल डीप वेब है क्या और आप इसे कैसे नेविगेट कर सकते हैं.
डीप वेब को समझने के पहले जरूरी है कि हम डीप वेब और डार्क वेब के बीच के अंतर को जान लें. यदि हम इंटरनेट को आइसबर्ग यानी हिमखंड मान लें, तो सरफेस वेब वो सिरा होगा जो पानी से बाहर निकला होता है. ये पारंपरिक इंटरनेट है, जहां गूगल और बिंग जैसे किसी भी सर्च इंजन से हम सभी वेबसाइट को एक्सेस कर सकते हैं.
सरफेस वेब के नीचे, डीप वेब होता है जो सूचीबद्ध नहीं होता, मतलब यहां सारी जानकारियां ऑनलाइन तो होती हैं, पर वो पब्लिक नहीं होतीं. World Wide Web का 90% कंटेन्ट इन्हीं पारंपरिक पेजेज से आता है. इन पेजेज को पेवॉल की ओर से सुरक्षित किया जाता है ताकि उन्हें Dropbox, Google Drive या हमारे ईमेल्स में स्टोर करने के लिए डॉक्यूमेंट किया जा सके.
आइसबर्ग या हिमखंड के उसी छिपे हुए हिस्से में हमें Dark Web मिलेगा. Deep Web (World Wide Web का केवल 0.1% ) का ये हिस्सा जानबूझ कर छिपाया गया होता है जिसे केवल खास ऐप्लिकेशन के जरिए ही एक्सेस किया जा सकता है.
हमने पहले बताया कि Deep Web और Dark Web में कई कीमती जानकारियां छिपी होती हैं. जैसे कि खुफिया इन्वेस्टिगेशन, डॉक्यूमेंटेशन के साथ हजारों डेटाबेस, वित्तीय जानकारियां आदि. इसके अलावा गैरकानूनी कंटेन्ट और सर्विसेज, जैसे कि ड्रग और हथियार उद्योग, पाइरेसी, पोर्न वगैरह वगैरह.
आप यदि कुछ ढूंढ रहे हैं तो इसे आप केवल किसी स्पेशल ऐप्लिकेशन के जरिए ही एक्सेस कर सकते हैं. इसकी मदद से आप नेटवर्क के समंदर में गहरे गोता लगा सकते हैं, और ये आपकी सुरक्षा भी करता है ताकि आपका नेविगेशन अपने पीछे कोई निशान ना छोड़े.
आइए इनमें से कुछ ऐप्लिकेशन के बारे में जानते हैं:
Tor Browser को डीप वेब एक्सेस करने का सबसे बेहतरीन माध्यम माना गया है. ये Firefox पर आधारित है, लेकिन इसमें Tor proxy प्रीइंस्टॉल होती है, ये HTTPS Everywhere और NoScript एक्सटेंशन के अनुकूल है. ये आपके ब्राउजिंग को सुरक्षित रखने के लिए कूकीज और ब्राउजिंग हिस्ट्री को अपने आप हटा देगा.
ये Windows, macOS, Linux और Android के लिए उपलब्ध है.
यदि आप इसे Apple मोबाइल डिवाइसेज के साथ इस्तेमाल करना चाहते हैं तो इसके iOS वर्जन, Onion Browser को डाउनलोड कर सकते हैं. .
Whonix के बारे में बात करें तो यह Tor Browser सोर्स कोड पर आधारित होता है. इसलिए इसके ऑपरेशन मिलते हैं. इसकी खूबियों के बारे में बता दें कि इसके पास यूजर्स के आईपी ऐड्रेस को पूरी तरह से छिपाने और सुरक्षित रखने का सिस्टम होता है. भले को हमारे सिस्टम को एडमिनिस्ट्रेटिव प्रीविलेज के साथ एक्सेस करे. यह Whonix वर्चुअल ऑपरेटिंग सिस्टम का हिस्सा है. इसलिए इससे कंप्यूटर पैकेज जैसे दूसरे टूल्स का भी एक्सेस मिल जाता है.
आप इसे Windows, macOS और Linux के लिए मौजूद इसके वर्जन में डाउनलोड कर सकते हैं.
Invisible Internet Project के काम करने का तरीका Tor Browser की तरह है. और इसका इस्तेमाल डीप वेब के लिए किया जा सकता है. साथ ही इसमें आपको अपने रोजमर्रा के ब्राउजिंग के लिए अतिरिक्त सुरक्षा मिलती है. आपका कनेक्शन एनक्रिप्टेड होता है और ये आपको ट्रैफिक रूटिंग करते हुए आपकी एक्टिविटी को जारी रखने से रोकता है. इसके साथ एक बड़ी मुश्किल भी है. इसे कंफिगर करना कठिन है.
आप इसे Windows, macOS, Linux और Android के लिए डाउनलोड कर सकते हैं.
Photo: © Andrey_Popov - Shutterstock.com