ओओपी - डाटा एनकैप्सूलेशन

एनकैप्सूलेशन जानकारियों और तरीकों (डाटा एंड मेथड्स) को छिपाते हुए, किसी वस्तु में व्यवस्थित और सुरक्षित रखने का एक तरीका है. इसे इस तरीके से छिपाया जाता है ताकि जिनके लिए ये निर्दिष्ट नहीं है उनकी पहुंच डाटा तक ना हो. इस तरह एनकैप्सूलेशन किसी वस्तु में निहित डाटा की संपूर्णता और सुरक्षा की गारंटी देता है.

कंसीलिंग डाटा

खास वर्ग के यूजरों को ये जानने की जरूरत नहीं होती कि डाटा उस वस्तु में किस तरह व्यवस्थित किए गए हैं, मतलब यूजर को ये जानने की कोई जरूरत नहीं कि कार्यान्वयन कैसे होता है. यूजर को ऐट्रीब्यूट्स को सीधा संशोधित करने से रोककर, और यूजर को उन्हे संशोधित (जिसे इंटरफेस कहा जाता है) करने के लिए परिभाषित कदम उठाने को बाध्य करके डाटा की संपूर्णता और शुद्धता को बनाए रखा जाता है (उदाहरण के लिए, व्यक्ति ये सुनिश्चित कर सकते हैं कि जिस तरह का डाटा उपलब्ध करवाया गया है वो उम्मीद के मुताबिक है, या समय अंतराल के भीतर लौटाया गया है).

एनकैप्सूलेशन उस वर्ग के अवयव के लिए पहुंच के स्तर को परिभाषित करता है. पहुंच के ये स्तर डाटा तक पहुंच के अधिकार को परिभाषित करते हैं और हमारी पहुंच उस डाटा तक खुद उस वर्ग के तरीके तक पहुंचने की इजाजत देता है, एक वर्ग या यहां तक कि किसी दूसरे वर्ग तक. पहुंच के तीन स्तर हैं.

पब्लिक: सभी वर्गों के कार्य उस डाटा या वर्ग तरीके तक पहुंच सकते हैं जिन्हें पब्लिक पहुंच स्तर के रूप में परिभाषित किया गया है. यह डाटा सुरक्षित करने का सबसे निम्नतम स्तर है.

प्रोटेक्टेड: इनहेरिटेंस वर्गों के कार्य को डाटा तक पहुंच से वंचित रखा गया है. यानी उस वर्ग और सभी उप-वर्ग के कार्य सदस्य

प्राइवेट: केवल इस खास वर्ग के तरीकों तक डाटा की पहुंच को रोका गया है. डाटा संरक्षित करने का यह सबसे उच्चतम स्तर है.

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