192.168.0.0 (या 192.168.1.1, या 192.168.0.1) वो संख्या है जो बताती है कि इंटरनेट कनेक्शन प्राइवेट (नॉन राउटर) है. ये वो इंटरनल नेटवर्क है जिसको कोई व्यक्ति या छोटे फर्म या उद्यम अपने निजी उपयोग के लिए लगाते हैं. इस तरह के नेटवर्क में अधिकतम 254 मशीन स्थानीय रूप से कनेक्टेड रहती हैं (संख्या 192.168.0.1 से 192.168.0.254 के बीच अलग-अलग हो सकती है).
नेटवर्क गेटवे यानी खासतौर से राउटर का IP Address आमतौर 192.168.0.1 होता है. इसके बाद नेटवर्क में मौजूद दूसरे कंप्यूटर्स को भी ऐड्रेस दिए जाते हैं. उनकी संख्या 192.168.0.2 से 192.168.0.254 के बीच हो सकती है.
192.168.0.1 का मतलब इंटरनेट प्रोटोकॉल ऐड्रेस यानी यह IP ऐड्रेस होता है. IP ऐड्रेस हर तरह के TP-link, D-Link और Netgear मॉडल्स के लिए होता है. प्राइवेट IPv4 नेटवर्क ऐड्रेस किसी भी समय बदला जा सकता है. इसके लिए आपको अपने नेटवर्क के राउटर्स के लिए जो मैनेजमेंट ढांचा मौजूद होता है, उसका प्रयोग करना होगा.
आमतौर पर कई ISP के राउटर्स में पहले से 192.168.0.0 आधारित नेटवर्क मौजूद होता है. इसमें 192.168.0.1 को राउटर के IP के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. यदि आप अपने ISP के राउटर के साथ किसी खास राउटर का उपयोग करना चाहते हैं तो आपके पास दो ऑप्शन हैं: अपने डिफॉल्ट IP ऐड्रेस को बदल दें या मौजूदा कंफिगरेशन को रखें. हालांकि यदि आप अपने ISP बॉक्स के साथ किसी और राउटर का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो जरूरी नहीं कि मौजूदा कंफिगरेशन पर राउटर मोड एनेबल किया हुआ हो.
यहां हम कुछ उदाहरण दे रहे हैं. इनके जरिए आप समझ सकते हैं कि किसी नेटवर्क में हम कंप्यूटर्स के लिए कैसे अलग अलग राउटर मोड्स और स्विचेज तय करते हैं.
Router Mode: IP 192.168.0.1
Switch/WiFi AP: IP 192.168.0.2
PC1: IP 192.168.0.3
PC2: IP 192.168.0.4
PC3: IP 192.168.0.5:
Router Mode: IP 192.168.0.1
Router: IP 192.168.1.1
PC1: IP 192.168.1.2
PC2: IP 192.168.1.3
PC3: IP 192.168.1.4:
Router Mode Disabled: IP 82.x.x.x
Router: IP 192.168.0.1
PC1: IP 192.168.0.2
PC2: IP 192.168.0.3
PC3: IP 192.168.0.4:
उपकरण को बनाने वाले राउटर को इस तरह से कंफिगर करते हैं कि यदि 192.168.0.1 नेटवर्क टाइप पहले से मौजूद है तो ये एक नया (192.168.1.0 टाइप) नेटवर्क तैयार करता है! उस राउटर का डिफॉल्ट ऐड्रेस 192.168.1.1 होगा. और यह नेटवर्क ऐड्रेस में मौजूद दूसरे सिस्टम का आईपी ऐड्रेस 192.168.1.2 से लकर 192.168.1.254 तक रखेगा.
राउट्रस आमतौर पर डिफॉल्ट ऐड्रेस समझता है. ये ऐड्रेस 192.168.0.1 (या 192.168.1.1) के रूप में होता है. आमतौर पर इन राउटर्स को आगे दिए गए URL में से किसी एक का इस्तेमाल करते हुए वेब इंटरफेस की मदद से कंफिगर किया जा सकता है: http://192.168.0.1 / http://192.168.1.1.
सबसे पहले वाले कनेक्शन के लिए ये जरूरी है कि राउटर्र और कंप्यूटर को कनेक्ट करने के लिए RJ-45 केबल का इस्तेमाल किया जाए ताकि इसे कंफिगर किया जा सके! इसके बाद अगला स्टेप है कि आप वेब इंटरफेस में अपने क्रिडेंशियल्स यानी लॉग-इन और पासवर्ड डालें. ये डिफाल्ट पासवर्ड और लॉग-इन होते हैं. इनके बारे में मैन्युफैक्चरर के डॉक्यूमेंट्स में जानकारी दी गई होती है.
अधिकांश मामलों में हम ISP के डिफॉल्ट ADSL राउटर के बाद कस्टम राउटर को सेट करने की कोशिश करते हैं.इससे हम कई तरह के फीचर्स का लाभ उठा सकते हैं. उदाहरण के तौर पर, हम अपना Wi-Fi नेटवर्क तैयार कर सकते हैं. ISP राउटर की तुलना में इस Wi-Fi में हम अधिक फीचर्स, जैसे कि सेक्युरिटी के मामले में लेटेस्ट इनोवेशन (WPA2, 802.11x, RADIUS, आदि..) या परफॉर्मेंस के मामले में नयी खोज (802.11g, MIMO, आदि..) ऐड कर सकते हैं.
इस तरह यदि ये वायरलेस राउटर है तो इसे WiFi फीचर डिसेबल करते हुए कंफिगर किया जाएगा. मतलब सबसे पहले जो कंफिगरेशन किया जाएगा उसमें RJ-45 केबल की मदद से कनेक्ट करने की जरूरत होती है.
यही नहीं, यदि आपका राउटर RJ-45 केबल कनेक्शन को स्वीकार नहीं कर रहा, ऐसे में राउटर को रीसेट या हार्ड रीसेट (कृपया मैनुफैक्चरर का डॉक्यूमेंट्स को देखें) करना पर्याप्त होगा.
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