उपभोक्ताओं की व्यवहार में आ रहे बदलाव ने कई नई मार्केटिंग रणनीतियों को जन्म दिया है. ये फिजकल स्टोर यानी दूकानों और वर्चुअल स्टोर की गतिविधियों को बीच सामंजस्य बिठाने में मदद करती हैं. मार्केटिंग रणनीतियों में से सबसे सफल रही है Click & Collect की रणनीति. क्लिक और कलेक्ट में उपभोक्ता अपने ऑर्डर ऑनलाइन देते हैं और फिर ऑर्डर को उपभोक्ता नजदीक के दुकान पर जाकर कलेक्ट करता या लेता है. भारत मे सबसे पहले टाटा क्लिक ने यह स्ट्रैटिजी अपनाई थी. पर दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों मे खुदरा दुकानदार यह सुविधाएं शुरू कर चुके हैं.
क्लिक और कलेक्ट सर्विस (यह क्लिक और पिकअप या रिजर्व और कलेक्ट नाम से भी जानी जाती है) उपभोक्ताओं को किसी उत्पाद को वेबसाइट पर या किसी समर्पित मोबाइल ऐप्लिकेशन पर ऑर्डर करने या मंगवाने की सहूलियत देता है. और इसके बाद उस उत्पाद को एक खास समय के भीतर नजदीक के दुकान से जाकर प्राप्त किया जा सकता है.
Click & Collect सर्विस व्यवसाय को नई तरह की सेवाएं ऑफर करते हुए मौजूदा प्रतियोगिता में खड़े होने में मदद करती है. यह खास व्यवसाय के लिए नया सेल्स चैनल ओपन करती है. यह एक बहु-चैनल मार्केटिंग रणनीति को स्थापित करने की तरफ बढ़ाया गया एक कदम है. Click & Collect दुकानदार के मालिकों को अपनी इनवेंटरी को बेहतर तरीके से संभालने और स्टॉक में कमी जैसी स्थितियों से बचने में मदद करती है.
उपभोक्ता ऑनलाइन खरीददारी करते हैं और फिर स्थानीय दुकानों पर जाकर अपना सामान लेते हैं. क्लिक और कलेक्ट सर्विस को इस्तेमाल करने के लिए निम्नलिखित संसाधनों की जरूरत पड़ेगी:
इनवेनटरी मैनेजमेंट टूल्स और ऑर्डर: ऑनलाइन ऑर्डर और समय पर इनवेनटरी कंट्रोल के लिए यह खुदरा खरीद-बिक्री के क्षेत्र में बढ़िया टूल है.
बिक्री प्लेटफार्म: एक मोबाइल ऐप्लिकेशन या वेबसाइट जहां उपभोक्ता अपना ऑर्डर दे सकें.
इसके अलावा, क्लिक और कलेक्ट सर्विस में शामिल कंपनी को अपने विभिन्न आउटलेट या विभागों के बीच सामंजस्य पैदा करने की जरूरत पर बल देने की जरूरत है.
Click & Collect सर्विस की सफलता मुख्य रूप से इस बात पर निर्भर करती है कि इसे कितनी बढ़िया तरीके से तैयार (एरगोनॉमिक्स, इजी टू यूज...) किया गया है. हम यहां नई सेवा की सफलता को सुनिश्चित करने के लिए सर्वश्रेष्ठ गतिविधियों के बारे में बता रहे हैं:
उपभोक्ता को सर्विस का इस्तेमाल करने के लिए उत्साहित करें: उपभोक्ता को जो खरीदना है उससे वह संतुष्ट हो सके इसके लिए उसका उत्पाद को बेहतर तरीके से चुनना और उसे कलेक्ट करना जरूरी है. इसके लिए उपभोक्ता के लोकेशन (जब संभव हो तो स्टोर के कई विकल्प प्रदान करें) के आधार पर लचीला शेड्यूल मुहैया करें.
अपने ऑनलाइन कैटलॉग को अप-टू-डेट रखें: उत्पाद की उपलब्धता सबसे जरूरी है. डिलीवरी में कोई देरी न हो इसके लिए समय-समय पर निगरानी जरूरी है.
अपने चेक-इन सर्विस को बेहतर बनाएं: उपभोक्ता यदि निजी तौर से नहीं आ सकता या नहीं आना चाहता तो थर्ड पार्टी को सामान या उत्पाद उपलब्ध करवाएं.
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