DTS यानी डिजिटल थियेटर साउंड यूनिवर्सल द्वारा बनाया गया अंतरराष्ट्रीय डिजिटल साउंड कोडिंग मानक है. डॉल्बी डिजिटल (Dolby Digital) मानक DTS साउंड को 16 बिट की जगह 20 बिट में बदल देता है वो भी सामान्य से एक चौथाई कम्प्रेशन या संकुचन में. इसीलिए DTS बहुत उच्च गुणवत्ता की साउंड क्वालिटी देता है.
DTS में परिवर्तित मीडिया को प्ले करने के लिए प्रमाणित DTS डिकोडर आवश्यक है.
DTS चार प्रकार के होते हैं:
DTS 6 सबसे ज्यादा चर्चित 5.1 स्टैंडर्ड है जो 6 चैनल के साउंड को एक साथ कंप्रेस करता है. हालांकि यह संकुचन या कंप्रेशन डॉल्बी डिजिटल मानक से कम होता है. शुरुआत के पांच चैनल सैटेलाइट स्पीकर के लिए वहीं आखिरी सब-वूफर को जोड़ता है. यह डिवाइस इस लोगो से पहचानी जाती है:
DTS ES यानी डिजिटल थियेटर साउंड एक्सटेंडेड सराउंड. .यह 6.1 स्टैंडर्ड का साउंड देता है जिसमें एक रियर चैनल या रियर सेंट्रल होता है. DTS ES डॉल्बी डिजिटल EX से भी कम कंप्रेशन करता है.
DTS ES के दो प्रकार के होते हैं:
DTS ES मेट्रिक्स जिसमें वर्चुअलाइजेशन के लिए सातवां चैनल होता है. यह प्राथमिक चैनल से जुड़ा होता है.
DTS ES डिस्क्रीट में सातवां स्वतंत्र चैनल होता है.
DTS 24/96 एक ऐसा फॉर्मेट है जिसमें बताया जाता है कि कैसे चैनल वाले हाई-डेफीनेशन म्यूजिक को स्टोर किया जाता है. इसका सबसे चर्चित उदाहरण डीवीडी ऑडियो है. इसका नामकरण इसके क्वालिटी के कारण हुआ है. इसमें साउंड ट्रैक 96 kHz पर 24 बिट्स (bits) में होते हैं. ये स्टीरियो या 5.1 मानक में होते हैं.
DTS नीओ(Neo): यह फॉर्मेट स्टीरियो साउंड श्रोत को अपमिक्सिंग या वर्चुअलाइजिंग करने के प्रयोग में आता है.