
मद्रास हाईकोर्ट ने चीनी सोशल मीडिया ऐप TikTok के डाउनलोड पर लगी रोक हटा दी है.
(CCM) — भारत में बहुत तेजी से पॉपुलर हो रही चीनी सोशल मीडिया ऐप टिकटॉक के डाउनलोड पर लगी रोक हटा दी गई है. कंपनी के अनुसार इस रोक की वजह से उसको हर दिन करोड़ों का नुकसान हो रहा था.
न्यायालय के आदेश पर टिकटॉक की पैरेंट कंपनी बाइटडांस ने कहा कि वो मद्रास हाईकोर्ट के इस निर्णय का स्वागत करते हैं.
हालांकि इस निर्णय के दो दिन बाद तक यह ऐप डाउनलोड के लिए एप्पल स्टोर और प्लेस्टोर पर उपलब्ध नहीं है. सूत्रों के अनुसार आईटी मिनिस्ट्री एप्लीकेशन स्टोर से टिकटॉक ऐप को रीस्टोर करने के लिए तब ही आग्रह करेगा जब उसे कोर्ट से इस निर्णय की लिखित कॉपी मिल जाएगी.
टिकटॉक को देश में 3 अप्रैल को ब्लॉक करने के आदेश किए गए थे. ब्लॉक के बाद इस ऐप को देश में किसी भी ऐप स्टोर से डाउनलोड करना असंभव हो गया था.
कंपनी के दावे के अनुसार टिकटॉक के भारत में 12 करोड़ मासिक एक्टिव यूजर हैं. गैजेट 360 की खबर के अनुसार उन्होंने इस संबंध में गूगल और एप्पल से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की. पर कोई दोनों ही कंपनियों ने कोई टिपण्णी नहीं की.
टिकटॉक असल में म्युजिकली नाम की ऐप से बना है. बाइटडांस ने म्युजिकली को 2017 में खरीद लिया. बाद में इस ऐप का नाम बदल कर टिकटॉक रख दिया गया. देखते-देखते यह ऐप भारत में शहरी युवाओं के बीच काफी पॉपुलर हो गई.
मद्रास हाईकोर्ट में इस ऐप पर पोर्नोग्राफिक और एडल्ट कंटेंट होने का आरोप लगाते हुए बैन करने की शिफारिश की गई थी.
Photo: © Alexey Malkin - 123rf.com
(CCM) — भारत में बहुत तेजी से पॉपुलर हो रही चीनी सोशल मीडिया ऐप टिकटॉक के डाउनलोड पर लगी रोक हटा दी गई है. कंपनी के अनुसार इस रोक की वजह से उसको हर दिन करोड़ों का नुकसान हो रहा था.
न्यायालय के आदेश पर टिकटॉक की पैरेंट कंपनी बाइटडांस ने कहा कि वो मद्रास हाईकोर्ट के इस निर्णय का स्वागत करते हैं.
हालांकि इस निर्णय के दो दिन बाद तक यह ऐप डाउनलोड के लिए एप्पल स्टोर और प्लेस्टोर पर उपलब्ध नहीं है. सूत्रों के अनुसार आईटी मिनिस्ट्री एप्लीकेशन स्टोर से टिकटॉक ऐप को रीस्टोर करने के लिए तब ही आग्रह करेगा जब उसे कोर्ट से इस निर्णय की लिखित कॉपी मिल जाएगी.
टिकटॉक को देश में 3 अप्रैल को ब्लॉक करने के आदेश किए गए थे. ब्लॉक के बाद इस ऐप को देश में किसी भी ऐप स्टोर से डाउनलोड करना असंभव हो गया था.
कंपनी के दावे के अनुसार टिकटॉक के भारत में 12 करोड़ मासिक एक्टिव यूजर हैं. गैजेट 360 की खबर के अनुसार उन्होंने इस संबंध में गूगल और एप्पल से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की. पर कोई दोनों ही कंपनियों ने कोई टिपण्णी नहीं की.
टिकटॉक असल में म्युजिकली नाम की ऐप से बना है. बाइटडांस ने म्युजिकली को 2017 में खरीद लिया. बाद में इस ऐप का नाम बदल कर टिकटॉक रख दिया गया. देखते-देखते यह ऐप भारत में शहरी युवाओं के बीच काफी पॉपुलर हो गई.
मद्रास हाईकोर्ट में इस ऐप पर पोर्नोग्राफिक और एडल्ट कंटेंट होने का आरोप लगाते हुए बैन करने की शिफारिश की गई थी.
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