
Vodafone और Idea के विलय को सरकार ने हरी झंडी दिखा दी है.
(CCM) — लंबे समय से लटके वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर टेलीकॉम के विलय के प्रस्ताव को सरकार ने मान लिया है. दूरसंचार विभाग का बकाया होने के कारण ये प्रस्ताव अटका पड़ा था. अब ये वोडाफान आइडिया लिमिटेड कहलाएगी.
दोनों कंपनियों के एक होने के प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी मिलने के बाद अब वोडाफोन आइडिया लिमिटेड देश की सबसे बड़ी मोबाइल नेटवर्क कंपनी होगी. वोडाफोन और आईडिया मर्जर के बाद वोडाफोन मोबाइल सर्विसेज लिमिटेड और वोडाफोन इंडिया के लाइसेंस, वोडाफोन की इन दोनों कंपनियों की संपत्ति और देनदारियां आइडिया सेल्युलर लिमिटेड में ट्रांसफर हो गए हैं.
दोनों कंपनियों के विलय के बाद वर्तमान में हिसाब लगाएं तो नयी कंपनी की संयुक्त आय 23 अरब डालर (1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक) होगी और उसके ग्राहकों का आधार 43 करोड़ होगा.
स्पेक्ट्रम शुल्क का भुगतान नहीं होने के कारण भारत के दूरसंचार विभाग यानी डीओटी ने आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन इंडिया के मर्जर पर रोक लगा रखी थी. अंत में दोनों कंपनियों ने बकाया राशि चुकाई। इसके बाद सरकार ने इस पर अपनी मुहर लगा दी है.
दूरसंचार विभाग के मुताबिक कंपनियों ने 3900 करोड़ रुपये नकद स्पेक्ट्रम शुल्क और 3300 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी का भुगतान कर दिया है.
दोनों कंपनियों के एक होने की खबर आइडिया के निवेशकों में उत्साह का माहौल है. आइडिया 30 जुलाई को अपने तिमाही रिपोर्ट का ऐलान करने वाली है. आइडिया सेल्युलर सितंबर 2016, जब रिलायंस जियो ने अपनी सेवाएं शुरू की थीं, वाली तिमाही से ही हर तिमाही में घाटा रिपोर्ट कर रहा है. विलय की घोषणा के बाद, आइडिया सेल्युलर के शेयर बाजार बंद होने तक लगभग 3.5% ऊपर पहुंच गए थें.
नई कंपनी का नाम वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड होगा. संयुक्त इकाई 43 करोड़ ग्राहकों के साथ भारती एयरटेल को पीछे छोड़ते हुए देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी बन जाएगी. मुकाबले में बने रहने के लिए कंपनी को कम डाटा टैरिफ और फ्री अनलिमिटेड वॉयस कॉल पर काम करना होगा.
वोडाफोन इंडिया लिमिटेड के नए चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर श्री बालेश शर्मा होंगे, जो श्री नवीन चोपड़ा की जगह लेंगे. आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष होंगे. वोडाफोन समूह के सीईओ विटोरियो कोलाओ के अनुसार, विलय अगस्त तक पूरा होना है.
वैसे जानकारों ने चेतावनी दी है कि विलय के बाद नेटवर्क कनेक्टिविटी की समस्या हो सकती है. क्योंकि विलय के साथ ही डाटा कवरेज और ग्राहक आधार भी बढ़ेगा.
इस बढ़ी हुई ताकत से दोनों कंपनियों को बाजार में मौजूद प्रतिस्पर्धा से निपटने में काफी मदद मिलेगी. टेलीकॉम क्षेत्र में रिलायंस जियो के आने के बाद से टेलीकॉम बाजार लुभावने पैकेज दे कर ग्राहकों को तोड़ने-जोड़ने की जबरदस्त प्रतिस्पर्धा के दौर से गुजर रहा है. इससे मोबाइल इंटरनेट और कॉल सेवाओं की दरें काफी कम हो गयी हैं. वोडाफोन और आइडिया दोनों पर इस समय संयुक्त रूप से 1.15 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है.
Photo: © Karve - Shutterstock.com
(CCM) — लंबे समय से लटके वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर टेलीकॉम के विलय के प्रस्ताव को सरकार ने मान लिया है. दूरसंचार विभाग का बकाया होने के कारण ये प्रस्ताव अटका पड़ा था. अब ये वोडाफान आइडिया लिमिटेड कहलाएगी.
दोनों कंपनियों के एक होने के प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी मिलने के बाद अब वोडाफोन आइडिया लिमिटेड देश की सबसे बड़ी मोबाइल नेटवर्क कंपनी होगी. वोडाफोन और आईडिया मर्जर के बाद वोडाफोन मोबाइल सर्विसेज लिमिटेड और वोडाफोन इंडिया के लाइसेंस, वोडाफोन की इन दोनों कंपनियों की संपत्ति और देनदारियां आइडिया सेल्युलर लिमिटेड में ट्रांसफर हो गए हैं.
दोनों कंपनियों के विलय के बाद वर्तमान में हिसाब लगाएं तो नयी कंपनी की संयुक्त आय 23 अरब डालर (1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक) होगी और उसके ग्राहकों का आधार 43 करोड़ होगा.
स्पेक्ट्रम शुल्क का भुगतान नहीं होने के कारण भारत के दूरसंचार विभाग यानी डीओटी ने आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन इंडिया के मर्जर पर रोक लगा रखी थी. अंत में दोनों कंपनियों ने बकाया राशि चुकाई। इसके बाद सरकार ने इस पर अपनी मुहर लगा दी है.
दूरसंचार विभाग के मुताबिक कंपनियों ने 3900 करोड़ रुपये नकद स्पेक्ट्रम शुल्क और 3300 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी का भुगतान कर दिया है.
दोनों कंपनियों के एक होने की खबर आइडिया के निवेशकों में उत्साह का माहौल है. आइडिया 30 जुलाई को अपने तिमाही रिपोर्ट का ऐलान करने वाली है. आइडिया सेल्युलर सितंबर 2016, जब रिलायंस जियो ने अपनी सेवाएं शुरू की थीं, वाली तिमाही से ही हर तिमाही में घाटा रिपोर्ट कर रहा है. विलय की घोषणा के बाद, आइडिया सेल्युलर के शेयर बाजार बंद होने तक लगभग 3.5% ऊपर पहुंच गए थें.
नई कंपनी का नाम वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड होगा. संयुक्त इकाई 43 करोड़ ग्राहकों के साथ भारती एयरटेल को पीछे छोड़ते हुए देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी बन जाएगी. मुकाबले में बने रहने के लिए कंपनी को कम डाटा टैरिफ और फ्री अनलिमिटेड वॉयस कॉल पर काम करना होगा.
वोडाफोन इंडिया लिमिटेड के नए चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर श्री बालेश शर्मा होंगे, जो श्री नवीन चोपड़ा की जगह लेंगे. आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष होंगे. वोडाफोन समूह के सीईओ विटोरियो कोलाओ के अनुसार, विलय अगस्त तक पूरा होना है.
वैसे जानकारों ने चेतावनी दी है कि विलय के बाद नेटवर्क कनेक्टिविटी की समस्या हो सकती है. क्योंकि विलय के साथ ही डाटा कवरेज और ग्राहक आधार भी बढ़ेगा.
इस बढ़ी हुई ताकत से दोनों कंपनियों को बाजार में मौजूद प्रतिस्पर्धा से निपटने में काफी मदद मिलेगी. टेलीकॉम क्षेत्र में रिलायंस जियो के आने के बाद से टेलीकॉम बाजार लुभावने पैकेज दे कर ग्राहकों को तोड़ने-जोड़ने की जबरदस्त प्रतिस्पर्धा के दौर से गुजर रहा है. इससे मोबाइल इंटरनेट और कॉल सेवाओं की दरें काफी कम हो गयी हैं. वोडाफोन और आइडिया दोनों पर इस समय संयुक्त रूप से 1.15 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है.
Photo: © Karve - Shutterstock.com