
अब भारत में एक साल के भीतर ही डोमेस्टिक उड़ानों के दौरान मोबाइल और इंटरनेट का इस्तेमाल शुरू हो सकता है.
(CCM) — भारत के दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा के मुताबिक भारत में एक साल के भीतर इन-फ्लाइट नेटवर्क कनेक्टिविटी शुरू हो सकती है. दुनिया की कई दूसरी एयरलाइंस उड़ान के दौरान वाई-फाई की सुविधा देती हैं. दूरसंचार आयोग ने 1 मई को इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी प्रस्ताव को मंजूरी दी थी.
एक बैठक में संचार मंत्री संजय सिन्हा ने कहा, "विमान यात्रियों को इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी एक साल के अंदर मिलेगी." उन्होंने बताया कि दूरसंचार विभाग और नागरिक उड्डयन विभाग के अधिकारी 10 दिन में इस विषय पर चर्चा करेंगे. बैठक में टेलीकॉम कंपनियों और एयरलाइंस के अधिकारी भी शामिल होंगे.
दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन के मुताबिक बैठक की तारीख अभी तय नहीं है. उन्होंंने बताया कि ये बैठक एविएशन सचिव, टेलीकॉम कंपनियों और एयरलाइन कंपनियों के साथ होगी और इस बारे में बातचीत की जाएगी.
दूरसंचार आयोग की ओर से 1 मई को इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई थी. इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी का मकसद भारतीय उड़ान क्षेत्र में फ्लाइट में कॉल और इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराना है.
संवाददाताओं की बैठक में एक सवाल के जवाब में सुंदरराजन ने बताया, ‘हमने ‘ईज ऑफ डुइंग बिजनेस’ समेत दूरसंचार क्षेत्र में स्टेकहोल्डर्स का भरोसा बहाल किया है। सरकार की ओर से शुरू की गई कोशिशें काम आई हैं. हमने ब्याज दरों में कमी की है और स्पेक्ट्रम के लिए कंपनियों को ज्यादा समय दिया है."
इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी की बात करें तो ये सुविधा कई अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस पहले से यात्रियों को दे रहे हैं. इनमें एयरएशिया, एयर फ्रांस, ब्रिटिश एयरवेज, मिस्र एयर, अमीरात, एयर न्यूजीलैंड, मलेशिया एयरलाइंस, कतर एयरवेज जैसी एयरलाइन उड़ान के दौरान मोबाइल फोन इस्तेमाल करने की इजाजत देते हैं.
Photo: © ulyana andreeva - Shutterstock.com
(CCM) — भारत के दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा के मुताबिक भारत में एक साल के भीतर इन-फ्लाइट नेटवर्क कनेक्टिविटी शुरू हो सकती है. दुनिया की कई दूसरी एयरलाइंस उड़ान के दौरान वाई-फाई की सुविधा देती हैं. दूरसंचार आयोग ने 1 मई को इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी प्रस्ताव को मंजूरी दी थी.
एक बैठक में संचार मंत्री संजय सिन्हा ने कहा, "विमान यात्रियों को इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी एक साल के अंदर मिलेगी." उन्होंने बताया कि दूरसंचार विभाग और नागरिक उड्डयन विभाग के अधिकारी 10 दिन में इस विषय पर चर्चा करेंगे. बैठक में टेलीकॉम कंपनियों और एयरलाइंस के अधिकारी भी शामिल होंगे.
दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन के मुताबिक बैठक की तारीख अभी तय नहीं है. उन्होंंने बताया कि ये बैठक एविएशन सचिव, टेलीकॉम कंपनियों और एयरलाइन कंपनियों के साथ होगी और इस बारे में बातचीत की जाएगी.
दूरसंचार आयोग की ओर से 1 मई को इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई थी. इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी का मकसद भारतीय उड़ान क्षेत्र में फ्लाइट में कॉल और इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराना है.
संवाददाताओं की बैठक में एक सवाल के जवाब में सुंदरराजन ने बताया, ‘हमने ‘ईज ऑफ डुइंग बिजनेस’ समेत दूरसंचार क्षेत्र में स्टेकहोल्डर्स का भरोसा बहाल किया है। सरकार की ओर से शुरू की गई कोशिशें काम आई हैं. हमने ब्याज दरों में कमी की है और स्पेक्ट्रम के लिए कंपनियों को ज्यादा समय दिया है."
इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी की बात करें तो ये सुविधा कई अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस पहले से यात्रियों को दे रहे हैं. इनमें एयरएशिया, एयर फ्रांस, ब्रिटिश एयरवेज, मिस्र एयर, अमीरात, एयर न्यूजीलैंड, मलेशिया एयरलाइंस, कतर एयरवेज जैसी एयरलाइन उड़ान के दौरान मोबाइल फोन इस्तेमाल करने की इजाजत देते हैं.
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