सीरियल पोर्ट और पैरेलल पोर्ट

इनपुट-आउटपुट पोर्ट का परिचय

इनपुट-आउटपुट कंप्यूटर के मटिरियल एलीमेंट हैं. ये सिस्टम को बाहरी तत्व के साथ संवाद यानी डेटा की अदला बदली के काबिल बनाता है. इसलिए इसका नाम इनपुट-आउटपुट इंटरफेस (या संक्षिप्त में I/O) है.

सीरियल पोर्ट

सीरियल पोर्ट (RS-232 भी कहलाता है) कंप्यूटर को बाहरी दुनिया के साथ सूचनाओं की अदला-बदली करने लायक बनाता है. सीरियल का मतलब है डेटा को सिंगल वायर की मदद से भेजना: bits एक के बाद एक भेजे जाते हैं. (यह ट्रांसमिशन मोड्स पर प्रेजेनटेशन के लिए डाटा ट्रांसमिशन के सेक्शन को दर्शाता है):

transmission on a serial port

सीरियल पोर्ट्स मूल रूप से केवल डेटा भेज सकते थे, उसे रिसीव नहीं करते थे. इसलिए बाद में दोतरफा सीरियल पोर्ट को तैयार किया गया (मौजूदा कंप्यूटरों पर दोतरफा पोर्ट होते हैं); इसलिए दोतरफा सीरियल पोर्ट दोतरफा बातचीत या संवाद के लिए जरूरी हो गए.

सीरियल कम्यूनिकेशन संभव हैं. इसका मतलब ये है कि किसी तरह के सिंक्रोनाइजेशन सिग्नल (या clock) की जरूरत नहीं है: डेटा को रैंडम इंटरवल पर भेजा जा सकता है. इसके बदले, पेरीफेरल जरूर कैरेक्टर्स को पहचानने के काबिल होना चाहिए (एक कैरेक्टर की लंबाई 8 bits की हो).

यही वजह है कि इस तरह के ट्रांसमिशन में हर कैरेक्ट के आगे START bit और बाद में STOP bit होता है. ये नियंत्रक बिट्स, जिनकी जरूरत सीरियल ट्रांसमिशन में होती है, बैंडविथ का 20 फीसदी खपत कर देते हैं.

सीरियल पोर्ट आमतौर पर मदरबोर्ड पर बने होते हैं. यही वजह है कि सीरियल पोर्ट केसिंग के पीछे के तार और मदरबोर्ड से जुड़े केबल को बाहरी एलीमेंट से जोड़ने के काम आता है. सीरियल कनेक्टर्स में आमतौर पर 9 या 25 की संख्या में पिन लगे होते हैं. ये दिखने में कुछ इस तरह (क्रमशः DB9 और DB25 कनेक्टर्स) के होते हैं:

DB9 connector

DB25 connector

पर्सनल कंप्यूटर में प्रायः एक से चार सीरियल पोर्ट बने होते हैं.

पैरेलल पोर्ट

पैरेलल डाटा ट्रांसमिशन का मतलब कई तारों के जरिए एक के बाद एक डेटा का भेजा जाना. पर्सनल कंप्यूटर पर पैरेलल पोर्ट 8 तारों के जरिए 8 बिट्स डेटा को एक के बाद एक भेजने के लिए इस्तेमाल किया जाता है:

transmission on a parallel port

पहला दोतरफा पैरेलल पोर्ट 2.4Mb/s की स्पीड से काम करता है. अधिक स्पीड के लिए विकसित यानी एनहांस्ड पैरेलल पोर्ट बनाए जा रहे हैंः

8 से 16 के लिए Mbps EPP (एनहांस्ड पैरेलल पोर्ट) का इस्तेमाल.

हे वलेट पैकर्ड और माइक्रोसॉफ् की और से विकसित किया गया ECP (एनहांस्ड कैपेबलिटीज पोर्ट). इसकी विशेषता EPP जैसी ही है. बल्कि साथ में, Plug और Play फीचर भी हैं जिनकी मदद से कंप्यूटर जुड़े हुए पेरिफेरल्स को पहचानता है.

सीरियल पोर्ट की तरह ही पैरेलल पोर्ट भी मदरबोर्ड पर बने होते हैं. DB25 कनेक्टर्स से एक्सटीरियर एलीमेंट से कनेक्शन संभव हो पाता है, जैसे कि प्रिंटर:

DB25 connector

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